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Reservation को ले JDU-LJP को PM मोदी से उम्मीद, RJD कोर्ट से सड़क तक लडऩे को तैयार

सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित होने वाले लोगों को लेकर बिहार के प्रमुख राजनीतिक दल चिंतित तो हैं लेकिन उनकी रणनीति अलग-अलग है।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 09:02 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 11:41 PM (IST)
Reservation को ले JDU-LJP को PM मोदी से उम्मीद, RJD कोर्ट से सड़क तक लडऩे को तैयार
Reservation को ले JDU-LJP को PM मोदी से उम्मीद, RJD कोर्ट से सड़क तक लडऩे को तैयार

पटना, राज्य ब्यूरो। सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित होने वाले लोगों को लेकर बिहार के प्रमुख राजनीतिक दल चिंतित तो हैं, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया और रणनीति अलग-अलग है।बता दें कि आरक्षण को लेकर दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था। 

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कहते हैं ललन सिंह

बिहार के सत्तारूढ़ दल जदयू के लोकसभा में संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह कहते हैं कि यह बहुत संवेदनशील विषय है। हम समझते हैं कि इस विषय पर राजनीति नहीं की जानी जानी चाहिए और राजनीति करने का प्रयास भी नहीं करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा बहुत साफ है। इस मामले को सुलझाने के लिए सरकार सक्षम है। सरकार इसे भी बेहतर तरीके से सुलझाएगी। ऐसे में लोग व्यग्र न हों और भ्रम फैलाने का प्रयास न करें।

तेजस्‍वी ने दी आंदोलन की धमकी 

हालांकि राजद ने संसद से सड़क तक संग्राम की चेतावनी दी है। राजद नेता व पूर्व उपमुख्‍यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि हम केंद्र सरकार को चुनौती देतेे हैं कि वह सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करे या फिर आरक्षण को मूल अधिकार बनाने के लिए संसद के मौजूदा सत्र में संविधान संशोधन करे। अगर ऐसा नहीं होगा तो सड़क से लेकर संसद तक संग्राम होगा। 

चिराग पासवान ने सुप्रीम कोर्ट का किया विरोध

एनडीए के एक प्रमुख घटक दल लोजपा के प्रमुख चिराग पासवान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उम्मीद है। वह कहते हैं कि आरक्षण के जितने भी प्रावधान हैं, उन्हें केंद्र सरकार संविधान की नौंवी अनुसूची में दर्ज करे। ताकि न्यायिक समीक्षा के नाम पर इनमें बदलाव नहीं किया जा सके। उन्‍होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पुरजोर विरोध करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से काफी लोग प्रभावित होंगे। उन्‍होंने यह भी कहा कि हालांकि हम यह उम्मीद भी करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रहते अनुसूचित जाति-जनजातियों के हितों की अनदेखी नहीं होगी।


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