प्रखंड स्तर पर खुलेंगी जन औषधि की दुकानें, मिलेंगी 600 तरह की दवाएं
हर मरीज को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण दवा मिले इसके लिए प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना को प्रखं ड स्तर पर पहुंचाने की तैयारी चल रही है।
पटना। हर मरीज को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण दवा मिले इसके लिए 'प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना' की ओर से हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। योजना के तहत जन औषधि केंद्रों से 600 से अधिक तरह की दवाएं मरीजों को मुहैया कराई जाएंगी। इनमें एंटीबायोटिक्स हार्ट, मधुमेह, रक्तचाप (बीपी), गैस्ट्रो एवं विटामिन की दवाएं शामिल हैं। ये बातें सोमवार को राजधानी के होटल मौर्य में आयोजित कार्यशाला में जन औषधि परियोजना के ब्यूरो फार्मा ऑफ पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक धीरज शर्मा ने कहीं।
: सरकारी अस्पतालो में भी होगी आपूर्ति :
उन्होंने कहा कि बिहार के प्रत्येक जिले में जन औषधि की दुकानें खोली गई हैं। लेकिन अब उन्हें प्रखंड स्तर पर खोलने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए जन औषधि परियोजना की ओर से राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है। इसके अलावा सरकारी अस्पतालो में भी जन औषधि की दवाएं आपूर्ति करने की तैयारी की जा रही है। कोशिश है कि हर सरकारी अस्पताल में जन औषधि की दुकानें खोली जाएं। गरीब मरीजों को सस्ते दर पर दवाएं मिलें इसके लिए दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इन दुकानों पर बाजार दर से पांच से दस गुना सस्ती दवाएं मरीजों को मुहैया कराई जा रही हैं।
: केंद्रों पर सर्जिकल सामान भी उपलब्ध :
महाप्रबंधक ने कहा कि 154 तरह के सर्जिकल सामान भी जन औषधि दवा दुकानों पर उपलब्ध हैं। अब लोगों का विश्वास हो गया है कि इन केंद्रों की दवाएं सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण हैं। इससे इनकी मांग बढ़ी है। इस अवसर पर बेहतर काम करने वाले दुकानदारों को सम्मानित किया गया। इनमें विजय कुमार, अशोक कुमार, सच्चिदानंद, पंकज कुमार, संजय कुमार एवं संतोष शामिल हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में परियोजना के प्रीतम सिंह, कुमार पाठक, राकेश शर्मा सहित कई लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।