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जल जीवन हरियाली यात्रा: मामला न हिसाब का, न ही किस्सों पर कटाक्ष का; बातें केवल जिंदगी की

जल-जीवन-हरियाली यात्रा के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी जिलों की यात्रा पूरी की। तीन दिसंबर को शुरू हुई यात्रा सात चरणों में चली और 10 जनवरी को इसका समापन हुआ।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 09:38 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 10:48 PM (IST)
जल जीवन हरियाली यात्रा: मामला न हिसाब का, न ही किस्सों पर कटाक्ष का; बातें केवल जिंदगी की
जल जीवन हरियाली यात्रा: मामला न हिसाब का, न ही किस्सों पर कटाक्ष का; बातें केवल जिंदगी की

पटना, भुवनेश्वर वात्स्यायन। मामला न हिसाब देने का था और न किसी के किस्से पर कटाक्ष का। बस यह बताना था कि किस तरह से आपकी जिंदगी खतरे में है। यह खतरा न तो आंतरिक है और न ही बाहरी बल्कि यह पर्यावरण पर उत्पन्न खतरे से है। जल खत्म हो रहा और खत्म हो रही हरियाली तो फिर ऐसे में किस तरह से बचेगा जीवन। जल-जीवन-हरियाली यानी अगर जल और हरियाली है तभी जीवन है। पूरे बिहार में विगत एक महीने से कोरस होता रहा जल-जीवन-हरियाली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जल-जीवन-हरियाली यात्रा शुक्रवार को मुंगेर में पड़ाव पा गई। विगत तीन दिसंबर को उन्होंने जल-जीवन-हरियाली यात्रा शुरू की थी जो सात चरणों में चली। अब इसी महीने 19 को इस मुद्दे पर मानव श्रृंखला बनाई जानी है।

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पूरे देश में इस तरह का पहला अभियान

जल-जीवन-हरियाली अभियान पूरे देश में अपने किस्म का पहला अभियान है, जिसे किसी राज्य ने संचालित किया है। अपने खजाने से इसके लिए राशि उपलब्ध कराई है। मुख्य सचिव के स्तर से इस अभियान की मॉनीटरिंग हो रही है। इस अभियान के तहत पारंपरिक जल स्त्रोतों मसलन पोखर, तालाब व कुओंं के जीर्णोद्धार, सोख्ते का निर्माण, सघन पौधरोपण और वृक्षों को काटे जाने से रोकने की योजना मुख्य रूप से शामिल है। अनियमित बारिश की वजह से प्रभावित कृषि को केंद्र में रख नए तरीके फसल चक्र को सृजित किए जाने की बात भी है।

जन जागरूकता के बड़े अभियान की कमान खुद संभाली

इस अभियान के आरंभ होने के पूर्व जुलाई में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानमंडल के सेंट्रल हॉल मेें सभी दलों के विधायकों व विधान पार्षदों के बीच पर्यावरण संकट से उत्पन्न परिस्थितियों को केंद्र में रख पिछले वर्ष जुलाई में एक संवाद का आयोजन किया था। उसके बाद उन्होंने तय किया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के बारे में वह खुद बिहार के लोगों को बताएंगे। तीन दिसंबर को आरंभ हुई अपनी जल-जीवन-हरियाली यात्रा के कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने कुछ इस तरह से डिजायन किया कि लोगों को वह समझा भी सकें और जमीन पर पर्यावरण से जुड़े हो रहे कार्य को अधिकारियों की मौजूदगी में देख सकें।

सीएम ने बताई भूजल संकट की स्थिति 

जल-जीवन हरियाली अभियान के क्रम में मुख्यमंत्री ने जो सभाएं कीं उसमें लोगों को यह बताया कि किस तरह से बारिश की स्थिति बिहार में गड़बड़ हो गई है विगत कुछ दशकों में। बारिश नहीं होने से भूजल संकट की स्थिति कितनी भयावह है। बार-बार मिथिलांचल में तालाबों के सूखने की बात कही। सभा के बाद उन्होंने उन तालाबों को देखा जिनका जीर्णोद्धार हुआ है। पर्यावरण बचाने को ले सरकार के आयोजन में सहभागी होने का आह्वान किया।

दलाई लामा और बिल गेट्स ने की तारीफ

जल-जीवन-हरियाली अभियान की तारीफ धर्मगुरु दलाई लामा ने इस पंक्ति के साथ की कि विश्व में पर्यावरण संकट से जूझने को ले बिहार का यह अभियान की तारीफ जितनी की जाए वह कम है। बिल गेट्स ने दिल्ली में इस अभियान की जमकर प्रशंसा की।


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