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महिला सशक्तीकरण का चुनावी लाभ लेने की रणनीति पर JDU, नई तकनीक पर भी फोकस

जदयू महिला सशक्तीकरण के प्रयासों का चुनावी डिविडेंड लेने की रणनीति बना रही है। जदयू का नया मंत्र है आधी आबादी और नई तकनीक। क्‍या है मामला, जानने के लिए पढ़ें यह खबर।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 12 Dec 2017 10:08 PM (IST)Updated: Wed, 13 Dec 2017 10:43 PM (IST)
महिला सशक्तीकरण का चुनावी लाभ लेने की रणनीति पर JDU, नई तकनीक पर भी फोकस
महिला सशक्तीकरण का चुनावी लाभ लेने की रणनीति पर JDU, नई तकनीक पर भी फोकस

पटना [एसए शाद]। जदयू के सक्रिय कार्यकर्ताओं के पहली दिसंबर से जारी प्रशिक्षण कार्यक्रम में वैसे तो आठ विषयों पर जानकारी दी जा रही है। लेकिन, इनके अलावा महिला सशक्तीकरण और नई तकनीक पर विशेष फोकस है। पार्टी का मानना है कि नीतीश सरकार ने पिछले 12 सालों में महिला सशक्तीकरण के लिए कई पहल की है, जिनका चुनावी लाभ पार्टी को अवश्य मिलना चाहिए।

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प्रदेश में युवाओं की बड़ी संख्या है और इनकी आबादी लगभग 45 फीसद है। यह तय हुआ है कि इन्हें पार्टी से जोडऩे के लिए आवश्यक है कि संचार की आधुनिक तकनीक पर पूरा ध्यान दिया जाए। इसी उद्देश्य से पार्टी के वेब-पोर्टल को नया स्वरूप देने की तैयारी है।

पार्टी की फिलहाल कोई मैगजीन नहीं निकल रही, परन्तु नए वर्ष में पार्टी के वेब-पोर्टल को आधुनिक स्वरूप देने के साथ-साथ एक वेब मैगजीन भी इसपर लांच करने की योजना है। पंचायत एवं निकाय चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण, संविदा के आधार पर हुई शिक्षक बहाली में 50 फीसद का आधी आबादी के लिए कोटा, सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण, राशन कार्ड में परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला सदस्य को परिवार का मुखिया बनाना जैसे कई निर्णय पिछले 12 सालों के दौरान लिए गए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह का मानना है कि महिलाओं के अधिकार के साथ अगर कोई दल इंसाफ कर रहा है तो वह जदयू ही है। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम में इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया है।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि 2010 के विधानसभा चुनाव में पहली बार महिलाओं की लंबी कतार मतदान केंद्रों पर देखने को मिली थी। इनके अधिकांश वोट जदयू के नाम थे। बाद के चुनावों में भी ऐसी स्थिति देखने को मिली। पार्टी महिला सशक्तीकरण के प्रयासों की अधिक चर्चा कर जदयू के प्रति महिला वोटरों का आकर्षण और बढ़ाने की कोशिश करेगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए वैसे तो संगठन एवं चुनाव, विचारधारा, नेतृत्व विकास, लोक शिकायत निवारण कानून, सात निश्चय, सामाजिक सद्भाव, कानून का राज एवं सामाजिक परिवर्तन जैसे आठ विषय चुने गए हैं। परन्तु इनके अलावा महिला सशक्तीकरण की तरह ही संचार की नई तकनीक भी फोकस में है।

पार्टी ने सोशल मीडिया के जानकार डॉ. अमरदीप की सेवा विशेष तौर पर इस कार्य के लिए ली है। वे पूर्व में टीवी प्रोडक्शन हाउस से भी जुड़े रहे हैं। वे कार्यकर्ताओं को 'साइबर वर्ल्‍ड में अधिक से अधिक स्पेस सोशल मीडिया के माध्यम से लेने की ताकीद कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं को फेसबुक और ट्विटर पर सक्रिय होने की सलाह दी जा रही है, ताकि वे पार्टी की नीतियों एवं सिद्धांतों को अधिक से अधिक लोगों, विशेषकर युवाओं तक पहुंचा सकें।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए नीतीश सरकार में कई बड़े कदम उठाए गए हैं। हम चुनावी दृष्टिकोण से ऐसा नहीं कर रहे, लेकिन महिलाएं जागरूक हुई हैं। वह खुद फैसला करेंगी कि कौन सा दल उनके लिए बेहतर काम करता है। वशिष्‍ठ नारायण सिंह कहते हैं कि शराबबंदी, दहेजबंदी और बाल विवाह पर रोक जैसे हमारे कार्यक्रमों को भी संपूर्णता में देखने की जरूरत है। ये भी महिला सशक्तीकरण से जुड़े हैं। जहां तक नई तकनीक की बात है तो पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया बहुत सशक्त माध्यम बनकर सामने आया है। हम समय-काल-परिस्थिति के हिसाब से अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं ताकि हम नए जमाने से मैच कर सकें।


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