Lockdown Bihar: पटना हाईकोर्ट पहुंचा कोटा में फंसे बिहारी छात्रों का मामला, सरकार बोली- संभव नहीं वापस बुलाना
Lockdown Bihar लॉकडाउन के दौरान बिहार के हजारों छात्र कोटा में फंसे हुए हैं। सरकार उन्हें लॉकडाउन तक वापस बुलाने के पक्ष में नहीं है। यह मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है।
पटना, स्टेट ब्यूरो। Lockdown Bihar: कोरोना (CoronaVirus) लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान राजस्थान के कोटा (Kota) में फंसे बिहारी छात्रों (Bihari Students) का मामला पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) पहुंच चुका है। उन्हें वापस लाने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव (Chief Secretary) से बुधवार दोपहर तक रिपोर्ट मांगी थी। इसपर मुख्य सचिव ने शुक्रवार 24 अप्रैल तक के लिए मोहलत मांगी। सरकार ने गुरुवार को इस मामले में अपना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास जवाब दाखिल कर कहा कि केंद्र सरकार के लॉकडाउन नियमों के अनुसार कोटा से बच्चों को बुलाना संभव नहीं है। सरकार के जवाब के बाद अब कोर्ट के रूख का इंतजार है।
विदित हो कि कोटा में बिहार के हजारों छात्र लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं। वे वहां परेशान हैं। बिहार सरकार (Bihar Government) उन्हें लॉकडाउन तक वापस बुलाने के पक्ष में नहीं है। राज्य की नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार उन्हें कोटा में ही आवश्यक सुविधाएं दिलाकर रखना चाहती है। इस मामले को लेकर वकील अजय ठाकुर ने पटना हाईकोर्ट को पत्र लिखा था।
लॉकडाउन में फंसे छात्रों की सुरक्षा का आग्रह
अधिवक्ता संघ की ओर से अजय ठाकुर ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था। पत्र में लॉकडाउन में केंद्र एवं राज्य सरकारों की गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए बिहार सरकार से उन छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने का आग्रह किया गया था जो लॉकडाउन में राज्य से बाहर फंसे हैं। पत्र में कोटा ही नहीं, बल्कि देश भर में फंसे तमाम बिहारी छात्रों की सुरक्षा एवं राहत की बात थी।
हाईकोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई
इसपर मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) संजय करोल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की। कोर्ट ने इस संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है, लेकिन मुख्य सचिव को राजस्थान सरकार से बात करने को कहा गया है। मुख्य न्यायाधीश ने बिहार के बाहर लॉकडाउन में फंसे तमाम छात्रों की सुरक्षा एवं राहत सुनिश्चित करने और उनकी जानकारी देने को कहा।
बाहर फंसे छात्रों की सुरक्षा को ले हाईकोर्ट चिंतित
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि दूसरे प्रदेशों में फंसे छात्रों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेवारी है। इसकी चिंता हाईकोर्ट को भी है। सुनवाई के बाद महानिबंधक नवनीत कुमार पांडेय ने मुख्य सचिव को हाईकोर्ट की चिंताओं और अपेक्षाओं से अवगत कराया।
गुरुवार को सरकार ने कोर्ट को दिया जवाब
इस मामले में बिहार के मुख्य सचिव ने कोर्ट से 24 अप्रैल (शुक्रवार) तक के लिए मोहलत मांगी, लेकिन सरकार ने रजिस्ट्रार जनरल के पास गुरुवार को ही जवाब दाखिल कर दिया। अपने जवाब में सरकार ने कोटा से बच्चों को लाने को केंद्र सरकार के लॉकडाउन के नियमों के खिलाफ बताया है।
लोकसभा अध्यक्ष से विधानसभा अध्यक्ष ने की बात
इस बीच कोटा सहित पूरे राजस्थान में फंसे बिहारी छात्रों व आप्रवासी कामगारों के मामले में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से बात की। उन्होंने मांग रखी कि वहां फंसे इन लोगों की व्यवस्था वहां की सरकार को करनी चाहिए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना से बचाव के की तैयारियों की जानकारी लेने के दौरान ओम बिड़ला ने बच्चों की सुरक्षा के लिए आश्वस्त किया।
ओम बिड़ला कोटा के ही सांसद हैं।