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नीति आयोग की बैठक में बोले नीतीश- बिहार को मिले विशेष राज्य का दर्जा

नई दिल्‍ली में आज हो रही नीति आयोग की बैठक में बिहार को स्‍पेशल पैकेज व विशेष राज्‍य का मुद्दा उठाया। साथ ही उन्‍होंने उग्रवाद प्रभावित जिलों के लिए भी विशेष पैकेज की मांग की।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 23 Apr 2017 07:27 AM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2017 11:06 PM (IST)
नीति आयोग की बैठक में बोले नीतीश- बिहार को मिले विशेष राज्य का दर्जा
नीति आयोग की बैठक में बोले नीतीश- बिहार को मिले विशेष राज्य का दर्जा

पटना [जेएनएन]। नीति आयोग की बैठक में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा देने की मांग उठायी। इसके साथ ही उन्होंने उग्रवाद प्रभावित जिलों के लिए भी विशेष पैकेज देने की मांग की। 

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की तीसरी बैठक में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बिहार की विशेष जरूरतों को देख हमें संसाधन उपलब्ध कराएं जाएं।

केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत अनुमोदित केंद्रांश नहीं मिलने का मामला भी उन्होंने काफी विस्तार से उठाया। उन्होंने कहा कि बदले आर्थिक एवं सामाजिक परिवेश में देश के विकास के लिए समावेशी सोच एवं दृष्टि आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने नीति आयोग की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का मामला पुन: उठाया।

वितरण के मानक से बिहार को हो रहा नुकसान
मुख्यमंत्री ने कहा 14 वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर राशि वितरण का जो क्षैतिज मानक है उससे बिहार को नुकसान हो रहा है। यह कहा जा रहा है कि सभी राज्यों की संयुक्त हिस्सेदारी 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत हो गयी है पर बिहार की केंद्रीय करों से मिलने वाली राशि में मात्र पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है। 14 वें वित्त आयोग की अनुशंसा के इस अत्यंत असमान प्रभाव को ध्यान में रखा जाना आवश्यक है।

बजटीय प्रावधान और वास्तविक रूप से मिलने वाली राशि में अंतर
मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 वें वित्त आयोग की अनुशंसा को ध्यान में रख केंद्र प्रायोजित योजनाओं के केंद्रांश को काफी कम कर दिया गया है। इसका काफी प्रतिकूल प्रभाव बिहार पर पड़ा है। 2015-16 में केंद्र प्रायोजित योजनाओं में अनुमोदित केंद्रांश 23,988 करोड़ रुपये थे ुपर मिला 15,932 करोड़। इसी तरह 2016-17 में अनुमोदित केंद्रांश 28777 करोड़ रुपये था और वास्तविक रूप से मात्र 17143 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए।


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बीआरजीएफ के तहत 4163.71 करोड़ शीघ्र उपलब्ध कराएं
मुख्यमंत्री ने बीआरजीएफ के तहत लंबित प्रस्ताव और राशि का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि 902.08 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी नीति आयोग के पास लंबित है। इसी तरह अवशेष योजनाओं के लिए 4163.71 करोड़ रुपये आने बाकी हैैं। इसे शीघ्र उपलब्ध कराएं।

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विशेष राज्य का दर्जा
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछड़े राज्यों को एक समय सीमा के अंदर पिछड़ेपन से उबारने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक नीतिगत पहल जरूरी है। इस क्रम में उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पुन: दोहरायी।

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