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बिहार में कोविड वैक्‍सीन लेने के बाद भी एनएमसीएच के नौ मेडिकल छात्र निकले पॉजिटिव, एक की मौत

नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के छात्रों के पॉजिटिव होने से हडकंप मचा हुआ है। सभी छात्रों ने कोविड वैक्‍सीन का पहला डोज लिया था। छात्रों का सैंपल अध्ययन के लिए भुवनेश्वर भेजा जाएगा। इसके बाद पता चलेगा कि बिहार में कोरोना वायरस का नया स्‍ट्रेन है या नहीं ।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 08:37 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 01:28 PM (IST)
बिहार में कोविड वैक्‍सीन लेने के बाद भी एनएमसीएच के नौ मेडिकल छात्र निकले पॉजिटिव, एक की मौत
नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सभी छात्रों का कोविड टेस्‍ट किया जा रहा, सांकेतिक तस्‍वीर।

पटना सिटी, जागरण संवाददाता। नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के नौ छात्रों के कोरोना पॉजिटिव होने और एक छात्र की मौत से हड़कंप मचा है। सोमवार को न्यू बॉयज हॉस्टल के जिस छात्र की मौत हो गई थी, उसके साथ रहने वाले पॉजिटिव हुए अन्य नौ छात्रों को एनएमसीएच में भर्ती किया गया है। इनमें से दो छात्र पहले होम क्‍वारंटाइन में चले गए थे। उन्‍हें भी अस्पताल में भर्ती होने का आदेश जारी किया गया है। इस पूरे मामले की पड़ताल के लिए बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत एनएमसीएच पहुंचे। उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव हुए सभी छात्रों का सैंपल जांच के लिए डब्ल्यूएचओ के माध्यम से भुवनेश्वर भेजा जाएगा। रात तक एनएमसीएच छात्रावास में रहने वाले सभी छात्रों की कोरोना जांच करने का निर्देश दिया गया है। उन्‍होंने नालंदा मेडिकल कॉलेज में अगले 24 घंटों तक के लिए सभी तरह के क्लास और जारी कॉलेज स्तर की परीक्षा पर रोक लगा दी है।

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माइक्रो कंटेनमेंट जोन में तब्दील होगा बेगूसराय का क्षेत्र भी  

प्रधान सचिव ने कहा कि बेगूसराय के जिला अधिकारी से बात की है। छात्र के निवास स्थान वाले क्षेत्र को माइक्रो कंटेनमेंट जोन में तब्दील करने को कहा गया है। छात्र के संपर्क में आने वाले सभी लोगों विद्यार्थियों की कोरोना जांच कराई जाएगी । उन्होंने बताया कि बेगूसराय निवासी कोरोना पॉजिटिव छात्र कटिहार और लखीसराय भी गया था। वह वहां जिन जिन लोगों से मिला तथा जिस गाड़ी से गया था। उन सभी के संपर्क में आने वालों की जांच की जाएगी।

डोज के बाद भी सतर्कता बरतनी चाहिए

प्रधान सचिव ने प्राचार्य और अधीक्षक तथा अन्य चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि जिस छात्र की मौत हुई है उसने कोरोना टीका का पहला डोज लिया था। उन्होंने कहा कि केवल एक डोज लेने से ही कोई सुरक्षित नहीं हो जाता। 28 दिनों बाद दूसरा डोज लेने और इसके 14 दिन बीतने के बाद ही कोरोना से लड़ने की क्षमता विकसित होती है। इस दौरान पूरी सतर्कता बरतनी पड़ती है। मास्क लगाना, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना और शारीरिक दूरी बनाए रखने के नियम का पालन करना जरूरी है।

भुवनेश्वर में होगा 6 छात्रों के नमूने का तुलनात्मक अध्ययन

अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बुधवार को बताया कि कॉलेज के सभी छात्रों की कोरोना जांच की जा रही है। देर रात कुछ की जांच रिपोर्ट प्राप्त होगी। कोरोना पॉजिटिव छह छात्रों का सैंपल तुलनात्मक अध्ययन के लिए आइएलएस भुवनेश्वर भेजा गया है। वहां की लैब में वैज्ञानिक पूर्व के कोरोना वायरस और इन छात्रों के सैंपल में पाए जाने वाले कोरोना वायरस के साथ मिलान कर इसका अध्ययन करेंगे। लगभग एक सप्ताह में इसकी रिपोर्ट आने की संभावना है। इस अध्ययन से यह पता चलेगा कि कोरोना का यह कौन स्ट्रेन है।


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