सॉफ्टवेयर की मदद से IRCTC वेबसाइट में लगा दी सेंध, 46 लाख के तत्काल टिकट के साथ गिरफ्तार Patna News
पटना में आरपीएफ ने दो साल से टिकट जालसाजी का कारोबार कर रहे एक युवक को गिरफ्तार किया है। इसके पास से 46 लाख रुपये के टिकट मिले हैं।
पटना, जेएनएन। तत्काल रेल टिकट कालाबाजी के एक बड़े कारोबार का रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की टीम ने पर्दाफाश किया है। ग्राहक बनकर टीम के सदस्यों ने शास्त्री नगर थाना क्षेत्र के शिवपुरी मोहल्ले से शातिर शांतनु खंडेलवाल को 46 लाख रुपये के रेल टिकटों के साथ गिरफ्तार कर लिया। साथ ही ये टिकट 93 लोगों के नाम पर कटे थे। उनके दस्तावेज भी बरामद हुए।
साफ्टवेयर से करता था घालमेल
बड़ी बात है कि रेड मिर्ची नामक सॉफ्टवेयर की मदद से शांतनु आइआरसीटीसी द्वारा संचालित रेलवे की वेबसाइट में सेंधमारी कर तत्काल टिकट काटा करता था। इस सॉफ्टवेयर की विशेषता यह है कि सामान्य व्यक्ति जब तक एक तत्काल टिकट काटता है, इससे उतने ही समय में छह टिकटें कट जाती हैं। इसका कारण यह है कि लॉगिन करने के बाद किसी तरह के पासवर्ड की आवश्यकता नहीं होती।
हर दिन करीब दस टिकट बुक करता था
आरपीएफ को आइआरसीटीसी की वेबसाइट में सेंधमारी की जानकारी मिली। इसके बाद तकनीकी जांच शुरू कर दी गई। जांच में मालूम हुआ कि शिवपुरी मोहल्ले से शांतनु खंडेलवाल नामक व्यक्ति प्रतिदिन आठ-दस तत्काल टिकट काटते है। एक टिकट पर चार से छह व्यक्तियों के नाम होते हैं। इसके बाद आरपीएफ टीम वहां ग्राहक बनकर गई। उन्होंने ट्रेन का कंफर्म टिकट मांगा तो शांतनु तैयार हो गया। उसने कीमत से 500 रुपये अतिरिक्त देने की मांग की। इसके बाद रंगे हाथ दबोच लिया गया।
एजेंट को भी देता था पैसा
आरपीएफ इंस्पेक्टर बिनोद कुमार सिंह ने बताया कि बंगलुरु में विभिन्न नामों से साफ्टवेयर बनाए जा रहे हैं। इनमें से रेड मिर्ची सबसे अधिक प्रचलित है। पूछताछ के दौरान शांतनु ने स्वीकार किया कि वह हर माह इसके लिए तीन से चार हजार रुपये रेड मिर्ची कंपनी के एजेंट को देता था। इस साफ्टवेयर के उपयोग से आसानी से आइआरसीटीसी की वेबसाइट से तत्काल टिकट बुक हो जाता है। किसी तरह के पासवर्ड की आवश्यकता नहीं होती। एक साथ दो-तीन कंप्यूटर से टिकट बुक करने पर पहले 30 सेकेंड में ही चार से छह टिकट बुक हो जाते हैं। एक टिकट में चार से छह यात्रियों के नाम रहते हैं।