बीपीएससी पेपर लीक मामले की जांच कोचिंग संचालकों तक पहुंची, हल करने थे 100 से अधिक सवाल
बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच का दायरा राजधानी के कोचिंग संचालकों तक पहुंच गया है। अब तक गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से पूछताछ में कुछ कोचिंग संचालकों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।
राज्य ब्यूरो, पटना : बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच का दायरा राजधानी के कोचिंग संचालकों तक पहुंच गया है। अब तक गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से पूछताछ में कुछ कोचिंग संचालकों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। वायरल प्रश्न-पत्र को साल्व कर परीक्षार्थियों तक पहुंचाने और छात्रों से राशि वसूली में इनकी भूमिका सामने आ रही है। इस बाबत आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने जांच शुरू कर दी है। संदिग्ध कोचिंग संचालकों के विरुद्ध साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, प्रश्न-पत्र लीक करने वाला गिरोह पटना के कई कोचिंग संचालकों के संपर्क में था। गिरोह ने कोचिंग संचालकों की मदद से परीक्षा से पहले ही छात्रों को प्रश्न-पत्र उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया गया था। इसके लिए छात्रों से राशि भी वसूली गई थी, जिसमें कोचिंग संचालकों की भी हिस्सेदारी थी। कुछ कोचिंग संचालक खुद साल्वर की भूमिका में भी जुड़े थे तो कुछ ने साल्वर उपलब्ध कराया था।
मिनटों में साल्व करने थे सौ से अधिक प्रश्न
गिरोह को मालूम था कि वायरल प्रश्न-पत्र परीक्षा से कुछ समय पहले ही उन तक पहुंचेगा। ऐसे में प्रश्न-पत्र को साल्व करने के लिए बड़ी संख्या में स्कालरों को साल्वर के रूप में रखा गया था। लोहानीपुर स्थित कंट्रोल रूम में भी साल्वरों को बैठाकर प्रश्नपत्र साल्व कराया गया था। इसके बदले साल्वरों को करीब एक से डेढ़ लाख रुपये दिए जाने की बात सामने आ रही है। लंगरटोली से गिरफ्तार किए गए साल्वर अमित कुमार सिंह से भी पूछताछ में इस गिरोह से जुड़ी कई अहम जानकारियां मिली हैं। कई नए नामों का पर्दाफाश भी हुआ है, जिसकी तलाश की जा रही है।
राजेश व सुधीर की रिमांड पूरी
बीपीएससी पेपर लीक मामले में रिमांड पर लिए गए कृषि विभाग के सहायक राजेश कुमार और औरंगाबाद निवासी सुधीर कुमार सिंह की रिमांड शनिवार को पूरी हो गई। दोनों ही अभियुक्तों से तीन दिनों तक ईओयू की टीम ने कई घंटों तक पूछताछ की है। सूत्रों के अनुसार, जांच टीम जल्द ही जेल भेजे गए दो अन्य अभियुक्त शिक्षक कृष्ण मोहन सिंह और निशिकांत कुमार राय की भी रिमांड मांग सकती है।