Bihar MLC Election: बिहार में कांग्रेस की लुटिया डूबने से इस तरह बची, वरना नामांकन में ही हार जाती पार्टी
Bihar MLC Election बिहार विधान परिषद में इस बार कांग्रेस की लुटिया प्रभारी महासचिव शक्ति सिंह गोहिल और प्रभारी सचिव अजय कपूर की समझदारी के चलते डूबने से बच गई। जानें कैसे बची।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar MLC Election: बिहार विधान परिषद में इस बार कांग्रेस की लुटिया प्रभारी महासचिव शक्ति सिंह गोहिल और प्रभारी सचिव अजय कपूर की समझदारी के चलते डूबने से बच गई। इन दोनों ने आखिरी समय में समीर कुमार सिंह को उम्मीदवारी का पर्चा दाखिल कराया। थोड़ी भी देर होती तो कांग्रेस बिना लड़े चुनाव हार जाती। इस तरह, कांग्रेस की बिहार विधान परिषद के चुनाव में भद पिटने से बच गई।
दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने विधान परिषद की एक सीट के लिए तारिक अनवर को उम्मीदवार बनाया था। वे पर्चा दाखिल करने पहुंचे तो पता चला कि उनका नाम बिहार के बदले दिल्ली की मतदाता सूची में है। लिहाजा वे इस चुनाव में उम्मीदवार नहीं बन सकते हैं। इस सूचना से तारिक के हाथ-पांव फूल गए। उधर, कई दिग्गजों के चेहरे खिल गए। बड़े-छोटे मिलाकर आधे दर्जन से अधिक नेताओं ने कहा कि उनका कागज तैयार है। आलाकमान का आदेश हो तो तुरंत पर्चा दाखिल कर देते हैं।
मौके पर मौजूद अजय कपूर ने सबसे पहले प्रभारी महासचिव शक्ति सिंह गोहिल से बात की। समीर कुमार सिंह से पूछा गया। पता चला कि औरों की तरह वह भी कागज पत्तर अपनी गाड़ी में रखे हुए हैं। संयोग से समीर लंबे समय से कतार में थे। प्रदेश कांग्रेस की ओर से भेजे गए पैनल में भी उनका नाम था। कपूर ने आलाकमान से मंजूरी मिलने की प्रत्याशा में समीर का पर्चा भरवाना शुरू करवाया। यह काम पूरा होते होते आलाकमान की मंजूरी भी आ गई।
सूत्र बताते हैं कि आलाकमान की औपचारिक मंजूरी का इंतजार किया जाता तो कांग्रेस उम्मीदवार का पर्चा भरा ही नहीं जाता, क्योंकि यह सब नामांकन का पर्चा दाखिल करने के न सिर्फ अंतिम दिन, बल्कि अंतिम क्षण में हो रहा था। इससे पहले कांग्रेस ने एक सीट के लिए उम्मीदवार के चयन में भी 10 दिन का समय लगाया। 25 जून को नामांकन की आखिरी तारीख थी। पार्टी ने 24 जून की रात में उम्मीदवार के तौर पर तारिक अनवर का नाम तय किया।