इंज्युरी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने में नहीं चलेगी अस्पतालों की मनमानी, बिहार सरकार ने दिया है यह आदेश
पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रबंधन निर्देश दिया है कि इंज्युरी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर थाने को उपलब्ध करा दें। सभी जिलों के सिविल सर्जन और अस्पताल प्रबंधन को इस बाबत निर्देश दिया गया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) के एक आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों के प्रबंधन को निर्देश दिया है कि थाने को हर हाल में 24 घंटे में इंज्युरी अथवा पोस्ट मार्टम रिपोर्ट (Injury and Postmortem Report) मुहैया करा दें। हाई कोर्ट ने सुभाष राय बनाम राज्य सरकार व अन्य मामले में सुनवाई करते हुए इंज्युरी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट विलंब से मिलने के मामले में सरकार को आवश्यक निर्देश दिए थे। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में जिलों के सिविल सर्जन और अस्पताल प्रबंधन को व्यापक दिशा निर्देश भेजे हैं।
कंप्यूटराइज दें इंज्युरी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट
विभाग के आदेश के अनुसार कंप्यूटराइज इंज्युरी रिपोर्ट या पोस्टमार्टम रिपोर्ट डाक्टर अपने हस्ताक्षर और मोबाइल नंबर के साथ थाने को मुहैया कराएंगे। इस कार्य मेंं अनावश्यक विलंब से बचने के निर्देश दिए गए हैं। मेडिकल कालेज व अस्पताल या सदर अस्पताल की महिला डाक्टर पाक्सो से संबंधित मामले की जांच करती हैं और रिपोर्ट तैयार करती है, उन्हें आदेश दिए गए हैं कि यह कार्य वे बिना किस विलंब करेगी और रिपोर्ट बनाएंगी।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडलीय अस्पताल से सदर अस्पताल के लिए रेफर किए मामले, जिनमें ओपिनियन (मत) की आवश्यकता होती है, में उपाधीक्षक बिना विलंब के ओपिनियन दें और रिपोर्ट जारी करें।
कोर्ट के तलब करने पर समय से उपस्थित हों डाक्टर
देश के अनुसार कोर्ट यदि किसी डाक्टर को साक्ष्य निर्धारित करने के लिए तलब करता है तो संबंधित डाक्टर को समय पर कोर्ट में मौजूद होने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग ने दिए हैं। निर्देश है कि यदि डाक्टर समय पर उपस्थित नहीं हो सकते हैं तो इसकी लिखित सूचना कोर्ट को दें। अस्पतालों के नियंत्री पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि महीने की 15 और 20 तारीख को बैठकर सभी डाक्टरों के साथ लंबित इंज्युरी रिपोर्ट और पोस्टमार्टम की समीक्षा करें। स्वास्थ्य विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि उक्त आदेश का कड़ाई से पालन किया जाए, अन्यथा दोषी पाए जाने के बाद संबंधित व्यक्ति पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।