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Rupesh Murder case: मुंगेर निर्मित पिस्टल से रूपेश के सीने में उतारी गईं गोलियां, जल्द होगा पर्दाफाश

रूपेश हत्याकांडघटनास्थल से 16 खोखे बरामद हुए। शरीर पर मिले जख्म के 15 से अधिक निशान। दो अपराधियों ने निभाई थी लाइनर की भूमिका शूटरों के पास थी रूपेश की हर गतिविधि की जानकारी। 30 से अधिक पुलिस पदाधिकारी एसआइटी में शामिल 20 घंटे बाद भी हाथ नहीं आए अपराधी

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 09:04 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 10:22 PM (IST)
Rupesh Murder case: मुंगेर निर्मित पिस्टल से रूपेश के सीने में उतारी गईं गोलियां, जल्द होगा पर्दाफाश
इंडिगो के स्‍टेशन मैनेजर रुपेश कुमार सिंह की फाइल फोटो।

पटना, जागरण संवाददाता । इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह को अपराधियों ने छह नहीं, बल्कि इससे अधिक गोलियां मारी थीं। पुलिस को घटनास्थल से भले छह खोखे ही मिले हैं, लेकिन पोस्टमॉर्टम के दौरान उनके हाथ और सीने पर 15 से 16 जगहों पर जख्म के निशान मिले हैं। सूत्रों की मानें तो रूपेश की हत्या में मुंगेर निर्मित पिस्टल और 7.65 एमएम की गोलियों का इस्तेमाल किया गया। जख्म के निशानों से स्पष्ट है कि पहले दूर से गोली मारी गई, फिर सीने से सटाकर पूरी मैग्जीन खाली कर दी गई। इस वजह से कई गोलियां आर-पार हो गईं। हालांकि अधिकारी इस मामले में बोलने से परहेज करते रहे। एसआइटी ने भी अभी हत्या के पीछे की मुख्य वजह छोड़ शूटर व लाइनर की तलाश में पूरी ताकत झोंक दी है। बावजूद इसके 20 घंटे गुजर जाने के बाद भी एक भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। मंगलवार (12 जनवरी) की शाम 7:15 बजे पुनाईचक स्थित कुसुम विला अपार्टमेंट के नीचे रूपेश की हत्या की गई थी।

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एयरपोर्ट, छपरा व गोपालगंज कनेक्शन तलाश रही पुलिस :

रूपेश भले विमानन कंपनी इंडिगो के स्टेशन मैनेजर थे, लेकिन उनकी पैठ राजनीतिक गलियारे से लेकर अफसरशाही में भी थी। सूत्रों की मानें तो एसआइटी अब तक 13 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। रूपेश अपने किसी करीबी को टेंडर के काम में मदद करते थे। आशंका जताई जा रही है कि कहीं टेंडर को लेकर तो किसी से अदावत नहीं हो गई। इसका कनेक्शन खंगालने के लिए एसआइटी छपरा व गोपालगंज में पहुंचकर जांच कर रही है। वहीं वारदात में शामिल दोनों शूटरों की पहचान के लिए एसआइटी जेल से लेकर छपरा, गोपालगंज, वैशाली व पटना में उन सभी अपराधियों के हुलिए का मिलान कर रही, जिन पर संदेह है। तीनों जिलों की पुलिस से भी एसआइटी मदद ले रही है।

शूटरों के पास थी रूपेश के बारे में पूरी जानकारी :

जिस तरह वारदात को अंजाम दिया गया, उससे साफ है कि लाइनर के जरिए शूटरों को रूपेश की हर पल की जानकारी थी। कितने बजे घर से एयरपोर्ट निकलते हैं और कब घर वापस आते हैं? वह कब, कहां और किससे मिलते हैं? इसकी पूरी जानकारी जुटाई गई थी। यहां तक कि कई बार अपार्टमेंट की रेकी भी की गई। एक पुलिस अधिकारी की मानें तो इसमें एक नहीं, बल्कि दो से कम लाइनर नहीं थे।

20 घंटे तक पुनाईचक में सीसीटीवी कैमरा देखती रही पुलिस :

एसआइटी में शामिल डॉयल-100 की टीम अपार्टमेंट के बाहर से लेकर पुनाईचक तक के छह रास्तों में 35 से अधिक सीसी कैमरों की फुटेज देख चुकी है। रात आठ बजे से बुधवार की शाम चार बजे तक डॉयल-100 की टीम तकनीकी जांच करती रही। सात से अधिक कैमरे की फुटेज एयरपोर्ट पर देखी गई है। कुसुम विला अपार्टमेंट के पहले वाले अपार्टमेंट में एक जगह कैमरे में बाइक सवार दो अपराधी काले रंग की बाइक से भागते दिखे। स्पीड की वजह से चेहरा व नंबर स्पष्ट नहीं दिख रहा। एसआइटी को छह भागों में बांट दिया गया है, जो अलग-अलग बिंदुओं पर तफ्तीश कर रही है। टीम का नेतृत्व खुद एसएसपी कर रहे हैं और आइजी हर पल की रिपोर्ट ले रहे हैं। टीम में दो दर्जन से अधिक पुलिस पदाधिकारी और एक दर्जन जवान भी लगाए गए हैं। सिटी एसपी, दो डीएसपी व दो इंस्पेक्टर टीम को लीड कर रहे हैं। तकनीकी जांच के लिए अलग से टीम गठित की गई है।

एक दिन पहले की फुटेज में दिखे तीन संदिग्ध : 

एसआइटी ने पुनाईचक स्थित पीएनबी बैंक से लेकर दीघा-आर ब्लॉक सिक्स लेन तक करीब एक दर्जन सीसी कैमरों को देखा। इसमें कुछ खराब मिले तो कुछ में एक बाइक तेजी से जाती देखी गई। सिक्स लेन के पास अंधेरा होने की वजह से आगे स्पष्ट नहीं दिखा। वहीं, बैंक से आगे जाने वाली गली में भी दूसरी बाइक पर बाइक सवार दो लोग तेजी से जाते दिखे। सूत्रों की मानें तो अपार्टमेंट की तरफ मुडऩे वाली गली में एक युवक संदिग्ध दिखा, जो मास्क लगाए फोन पर बतिया रहा था। इसके पास दो अन्य लोग भी आए थे। पुलिस ने सोमवार शाम पांच बजे से रात आठ बजे तक की फुटेज भी देखी, जिसमें एक संदिग्ध का हुलिया उससे मिल रहा है। पुलिस कयास लगा रही कि शायद इसी ने लाइनर की भूमिका निभाई है।

कार में भी मिले खोखे, अपार्टमेंट के गार्ड से पूछताछ :

घटनास्थल से पुलिस ने सात खोखे बरामद किए हैं। इसमें दो खोखा कार के पास और बाकी कार के अंदर मिले हैं। एफएसएल टीम रात में एक घंटे तक सुबूत जुटाती रही। सूत्रों की मानें तो अपराधियों ने ड्राइविंग सीट के दरवाजे पर पहली गोली मार कर शीशा तोड़ दिया और हाथ डालकर पिस्टल से रूपेश के सीने में पूरी मैग्जीन खाली कर दी। गोली काफी करीब से मारी गई है। एसआइटी अपार्टमेंट के गार्ड से भी पूछताछ कर रही है। साथ ही पास के लोगों से भी संदिग्धों से जुड़ी जानकारी जुटा रही। सूत्रों की मानें तो फुटेज के जरिए एसआइटी को अहम सुराग मिले हैं और एयरपोर्ट से भी कुछ अहम क्लू मिले हैं। इसमें से एक की पहचान भी कर ली गई है। एसआइटी के एक अधिकारी के अनुसार, हत्या की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सकी है। अगर शूटर या लाइनर हाथ आ गए तो साजिशकर्ता तक पहुंचने में आसानी होगी। पुलिस का दावा है कि जांच सही दिशा में चल रही है। एक संदिग्ध से पूछताछ भी हो रही है, जिसने कुछ अहम जानकारी दी है। सबकुछ सही रहा तो गुरुवार तक मामले का पर्दाफाश किया जा सकता है।

सेंट्रल रेंज आइजी संजय सिंह ने बताया कि एसआइटी कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। तकनीकी टीम भी लगी है। सीसी कैमरे खंगालने से लेकर उनके संपर्क में रहने वाले सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है। फिलहाल, हत्या के पीछे की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। जल्द ही अपराधियों की गिरफ्तारी होगी।


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