भारतीय रेल के इस रूट पर ट्रेनों की स्पीड देख सिर धुनेंगे आप, सोचेंगे साइकिल से क्यों न चला गया
Indian railway भारतीय रेल अब बुलेट ट्रेन के युग में जाने की तैयारी कर रही है लेकिन बिहार में इस रेलखंड ऐसा है जहां आपको ट्रेनों का सफर आजादी के पहले के दौर की याद दिला देगा। आप सोचेंगे ये कहां आ गया...
By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 20 Feb 2022 10:43 AM (IST)Updated: Sun, 20 Feb 2022 10:43 AM (IST)
पटना, जागरण टीम। Indian Railway News: भारतीय रेल अब 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार हासिल कर चुकी है। तैयारी अब हाई स्पीड बुलेट ट्रेन चलाने की है। रेल ट्रैक पर रोड क्रॉसिंग यानी समपार फाटक खत्म कर ओवरब्रिज और अंडर पास बनाए जा रहे हैं, ताकि ट्रेनें बिना व्यवधान के पूरी स्पीड से चल सकें। लेकिन, बिहार में एक रेलखंड ऐसा है, जहां ट्रेन की रफ्तार और इसके चलाने का तरीका आपको हैरत में डाल सकता है। आम तौर पर रेलवे समपार फाटक बंद होने के बाद ही ट्रेन को आगे बढ़ने का सिग्नल मिलता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं है।
सिवान और सारण जिले के मध्य दारौंदा-मशरख रेलखंड पर रेलवे समपार फाटक तो हैं, लेकिन इन्हें बंद करने और खोलने के लिए वहां रेलवे का कोई कर्मचारी तैनात नहीं रहता है। इन समपार फाटक पर ट्रेन के आने पर गेट बंद करने और ट्रेन के गुजर जाने के बाद बंद करने की जिम्मेदारी ट्रेन में ही सवार एक स्टाफ की रहती है। नतीजा यह है कि इस रेलखंड की सभी ट्रेनें हर समपार फाटक पर दो बार अनिवार्य रूप से रुकती हैं। ट्रेन समपार से ठीक पहले खड़ी होती है और रेलवे का एक स्टाफ उतरकर गेट बंद करता है तो ट्रेन गेट को पार कर फिर से रुक जाती है। फिर रेलवे स्टाफ समपार का गेट खोलकर ट्रेन में सवार हो जाता है और गाड़ी आगे बढ़ती है।
इस रेलखंड पर शुक्रवार की शाम को एक बड़ी लापरवाही हो गई। महाराजगंज पूर्वी केबिन फाटक संख्या 6 सी पर बगैर रेलवे फाटक को बंद किए ही ट्रेन यहां से गुजर गई। बताया जा रहा है कि थावे-छपरा कचहरी सवारी गाड़ी (05164 डाउन) को गेट मैन द्वारा फाटक बंद कराए बगैर ही पास करा दिया गया। आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि इस रेलखंड में गेट मैन की तैनाती गेट पर होने की बजाय ट्रेन में होती है।
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