Move to Jagran APP

बिहार के इस जेल में अचानक गूंंजने लगे ठहाके, बंदियों से लेकर सुरक्षाकर्मी तक नहीं रोक सके हंसी

जहानाबाद जिले के काको मंंडल कारा में सोमवार को कुछ ऐसा हुआ कि बंदी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। वे हंसते-हंसते लोटपोट हो गए। उनकी हालत देख वहां मौजूद जेल के सुरक्षाकर्मी भी ठहाके लगाने काे मजबूर हो गए।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Tue, 06 Jul 2021 12:49 PM (IST)Updated: Tue, 06 Jul 2021 12:49 PM (IST)
बिहार के इस जेल में अचानक गूंंजने लगे ठहाके, बंदियों से लेकर सुरक्षाकर्मी तक नहीं रोक सके हंसी
बंदियों के बीच हास्‍य करते लाफिंग बुद्धा नागेश्‍वर दास। जागरण

काको (जहानाबाद), संवाद सूत्र। जेल एक ऐसा स्‍थान माना जाता है जहां हंसी-खुशी होती ही नहीं। वास्‍‍तविकता भी है कि जेल सजा भुगतने की जगह होती है। लेकिन जब जेल में ठहाके लगने लगे, गम का कहीं नामोनिशान नहीं हो तो फिर वहां के नजारे की कल्‍पना सहज की जा सकती है। मामला काको प्रखंड मुख्यालय स्थित मंडल कारा से जुड़ा है। दरअसल यहां हास्‍य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें हास्‍य कलाकार की प्रस्‍तुतियों पर बंदियों से लेकर सुरक्षाकर्मी तक लोट-पोट होते रहे। पूरा जेल परिसर ठहाकाें से गूंंज उठा।  

loksabha election banner

लाफिंग बुद्धा की हर एक्टिविटी पर हंसते रहे बंदी 

यहां सोमवार को लाफिंग बुद्धा के नाम से मशहूर हास्‍य कलाकार नागेश्वर दास ने हास्य-व्यंग्‍य से बंदियों का भरपूर मनोरंजन किया। पूरा मंडल कारा हंसी से गूंज उठा । जेल अधीक्षक राधेश्याम सुमन ने बताया कि महिला एवं पुरुष बंदियों के लिए अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किया गया। कैदियों ने उत्साह के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि नागेश्वर दास की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे आत्मसुधार व तनाव नियंत्रण जैसे गुढ़ विषय को मनोविनोद के रूप में प्रस्तुत करते है।

सामूहिक सुख से ही व्‍यक्तिगत सुख 

यह श्रोताओं के मनोमस्तिष्क में सीधे प्रवेश कर जाता है। मनोविज्ञान के गहन गुत्थियों व सिद्धांतों के अत्यंत सरल प्रयोगों से वे बंदियों को समझाने में सफल रहे। उन्होंने रंग बिरंगे गुब्बारों के प्रयोग से यह दिखाया कि एक दूसरे का ख्याल रखकर और सामूहिक सुख से ही व्यक्तिगत सुख प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने प्राणयाम एवं ध्यान की अत्यंत रोचक एवं सरल विधि भी बताई। कार्यक्रम के दौरान जेल का माहौल पूरी तरह हल्‍का हो गया। बंदियों के चेहरे पर मुस्‍कान बिखर गई। लगा जैसे सारा तनाव दूर हो गया। इस मौके पर जेलर जितेन्द्र कुमार गुप्ता समेत मंडल कारा के कई कक्षपाल मौजूद थे। सबने इस कार्यक्रम का खूब लुत्‍फ उठाया। बाद में भी बंदियों के बीच उनके हास्‍य-व्‍यंग्‍य पर हंसी गूंजती रही। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.