नीतीश कुमार के सामने बाेले विधायक, स्कूल और अस्पताल के लिए हमसे पूछते हैं लोग, हमारी भी सुनी जाए
Bihar Politics बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में महागठबंधन और विपक्ष की दूसरी पार्टियों के विधायकों का दर्द मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने छलक पड़ा। विधायकों ने अपना सम्मान बचाने के लिए सरकार और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से भी गुजारिश की।
पटना, जागरण टीम। बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में महागठबंधन और विपक्ष की दूसरी पार्टियों के विधायकों का दर्द मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) के सामने छलक पड़ा। विधायकों ने अपना सम्मान बचाने के लिए सरकार और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Vidhansabha Speaker Vijay Sinha) से भी गुजारिश की। इस कार्यक्रम में लालू यादव और तेजस्वी यादव की पार्टी राजद के साथ ही कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के विधायकों ने भी अपनी बात रखी। खास बात यह रही कि विपक्षी दलों के सभी विधायकों के सुर लगभग एक जैसे रहे। यह कार्यक्रम रविवार को आयोजित किया गया था।
राजद विधायक ने कहा- विधायकों की बात पर निष्पक्ष होकर कार्रवाई करें मुख्यमंत्री
राजद की ओर डॉ. रामचंद्र पूर्वे और अवध बिहारी चौधरी ने अपने विचार रखे। डॉ. पूर्वे ने कहा कि विधानसभा ने आजादी के बाद सामाजिक और राजनीतिक संस्कार गढ़े हैं। विधानसभा अपनी गरिमा को अक्षुण्ण बनाए हुए है। अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि हम जो समस्या इकट्ठे होकर रखते हैं, उसका निष्पक्ष होकर निष्पादन करना मुख्यमंत्री का कर्तव्य बनता है। सभी सदस्य विकास के लिए चिंतित रहते हैं। विधायकों के मान-सम्मान की रक्षा होनी चाहिए।
कांग्रेस बोली- पार्टी का भेद छोड़कर विधायकों की सुनें नीतीश कुमार
कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि पार्टी से ऊपर उठकर विधायकों के काम होने चाहिए। इसके लिए पूरा बिहार मुख्यमंत्री को याद रखेगा। कांग्रेस विधायक विजय शंकर दूबे ने कहा कि प्रजातंत्र को मजबूत बनाने के लिए विधायक अगर कानून के दायरे में कोई बात करे तो वह अनसुनी नहीं होनी चाहिए।
माले के विधायक ने कहा- लोकतंत्र में होनी चाहिए आलोचना सुनने की शक्ति
भाकपा (माले) की ओर से महबूब आलम ने अपने विचार रखे। उनकी आपत्ति इस बात को लेकर थी कि शहीद स्मारक पर तिरंगा की जगह भाजपा का झंडा लगा दिया गया है। इस पर कार्यक्रम में कुछ देर के लिए शोर भी हुआ। महबूब आलम ने किसान आंदोलन के साथ अपनी संवेदना व्यक्त कर दी। उन्होंने कहा कि क्या हमें आलोचना सहने की शक्ति नहीं होनी चाहिए।
भाकपा ने जड़ा आरोप- कमजोर हो रही है विधायी शक्ति
भाकपा की ओर से रामरतन सिंह ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि होना चाहिए कि समाज में क्या समस्याएं हैं, उस पर हम चर्चा करें। विधायी शक्ति आज सही मायने में कमजोर होती दिखायी पड़ रही है। माकपा के अजय कुमार ने कहा कि हमें यह देखना चाहिए कि जो जवाबदेही मिली है उसका निर्वहन किस हद तक हो रहा। सदन को जिस रूप में सच को स्वीकार करना चाहिए उसकी अनदेखी हो रही। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अख्तरूल ईमान ने कहा कि विधायी कार्य को ले हमें पर्याप्त अवसर मिलना चाहिए। लोग हमले स्कूल में शिक्षक और हॉस्पिटल में डॉक्टर के बारे में भी पूछते हैं
सभापति बोले- रास्ते अलग हो सकते पर विकास के मुद्दे पर मतभेद नहीं
विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में यह कहा कि हमारे रास्ते अलग-अलग जरूर हो सकते हैं, पर बिहार के उत्थान को लेकर कोई मतभेद नहीं है। श्री सिंह ने कहा कि बिहार ने कई चीजें ऐसी कि जो देश में पहली बार हुआ। विधान परिषद में आचार समिति बनी जिसकी चर्चा दूसरे राज्यों में हुई। उन्होंने इस मौके पर जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग की।