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गोपालगंज में चार साल में 607 लोग सड़क पर गंवा बैठे जान, 274 हो गए अपंग

यातायात नियमों की अनदेखी लोगों की जान पर भारी पड़ रही है। यातायात सुरक्षा के प्रति जागरूकता की कमी के कारण कई दुर्घटनाएं हो रहीं। हालांकि सड़क हादसों के लिए प्रशासनिक तंत्र भी कम जिम्मेवार नहीं है। कहीं आधी-अधूरी सड़क ब्लैक स्पॉट पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 05:02 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 05:02 PM (IST)
गोपालगंज में चार साल में 607 लोग सड़क पर गंवा बैठे जान, 274 हो गए अपंग
गोपालगंज में सड़क हादसा का आंकड़ा, सांकेतिक तस्‍वीर ।

गोपालगंज, जागरण संवाददाता । यातायात के नियमों की अनेदखी के कारण हर दिन दुर्घटना हो रही है और लोगों की जान जा रही है। सिर्फ सड़क दुर्घटना में पिछले चार वर्षों में 607 लोगों की जान चली गई, जबकि 274 गंभीर रूप से जख्मी हुए। इसके बाद भी सड़क यातायात सुरक्षा को लेकर जागरूकता नहीं है।

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आधी-अधूरी सड़क, डिवाइडर और फर्राटा भरते वाहन दुर्घटनाओं के कारण हैं। पिछले चार साल के आंकड़े बताते हैं कि 736 स्थानों पर दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 607 लोगों की मौत हुई और 274 लोग गंभीर रूप से घायल होकर स्थायी रूप से अपंगता के शिकार हो गए।

मनाया जा रहा सड़क यातायात सुरक्षा माह

 यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सड़क यातायात सुरक्षा सप्ताह का आयोजन भी किया जाता है। इस बार महीने भर तक का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके बाद भी दुर्घटनाएं कम नहीं हो रही हैं।

हाइवे पर ज्यादा दुर्घटनाएं

वाहन चलाते समय यातायात नियमों की अनदेखी और तेज रफ्तार दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण है। सबसे अधिक दुर्घटनाएं हाइवे पर होती हैं। एनएच 27 और एनएच 531 पर कई ऐसे स्पॉट हैं, जिन्हें लोग डेथ प्वाइंट कहते हैं।

नहीं होता सीट बेल्ट का उपयोग

यहां सैकड़ों की संख्या में चारपहिया वाहन सड़क पर फर्राटा भरते हैं, लेकिन 80 फीसद वाहनों में चालक और यात्री सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करते हैं। लेकिन पिछले चार साल के आंकड़े बताते हैं कि सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करने के आरोप में आज तक किसी भी वाहन चालक या उस पर बैठे व्यक्ति पर कोई भी कार्रवाई की गई हो।

हाइवे पर कई डेंजर जोन

जिले के बीचोबीच से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय उच्च पथ पर डिवाइडर, पार्किंग स्लॉट से लेकर कलर लाइट रिफ्लेक्टर्स की बात करना कुछ इलाकों में बेमानी है। आबादी वाले शहरी इलाके में बनाए जाने वाले कई ओवरब्रिज अधूरे पड़े हैं। जिले से होकर एनएच-27 और एनएच-531 गुजरती है। नौ साल पहले एनएच-27 को फोरलेन बनाने का काम शुरू हुआ, लेकिन यह आज तक पूरा नहीं हो सका है। शहरी क्षेत्र में बंजारी मोड़, जादोपुर चौक, साधु चौक और हजियापुर को एनएच 28 दो भागों में विभक्त करती है, लेकिन यहां का निर्माण अब भी अधूरा ही है।

वर्ष     दुर्घटना की संख्या  दुर्घटना में मृत  दुर्घटना में घायल

2017    157            116         47

2018    183            137        75

2019    199           172         70

2020    197           182        82

कुल    736           607         274

जिला परिवहन पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए सड़क सुरक्षा माह का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत 17 फरवरी तक लोगों को यातायात के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया जाएगा।


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