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बिहार में कोविड-19 ने पकड़ी रफ्तार तो सीएम नीतीश को मिला विपक्ष का साथ,धुर विरोधी राजद भी आया साथ

पिछली बार कोविड-19 के दौरान सीएम नीतीश कुमार और बिहार सरकार के हर कदम का विरोध हुआ। कभी वैक्‍सीन को नकली बतानेवाला राजद इस बार डोर-टू-डोर वैक्‍सीनेशन अभियान की सलाह दे रहा। पढि़ए कोविड-19 में बिहार पॉलिटिक्‍स की रोचक रिपोर्ट।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 02:20 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 11:16 PM (IST)
बिहार में कोविड-19 ने पकड़ी रफ्तार तो सीएम नीतीश को मिला विपक्ष का साथ,धुर विरोधी राजद भी आया साथ
नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव और सीएम नीतीश कुमार की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो। कोराना के सेकेंड वेव के तेज रफ्तार ने  विपक्ष का भी रुख बदल दिया है। विपक्ष, जो पहले चरण में हमलावर था। अब वह आक्रमण के बदले सरकार को सलाह दे रहा है। 17 अप्रैल को राज्यपाल ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। आसार बता रहे हैं कि उस बैठक में सरकार की आलोचना कम होगी। महामारी से निबटने के उपाय अधिक बताए जाएंगे। डोर-टू-डोर टीकाकरण की सलाह सभी दलों ने दी है। जांच का दायरा बढ़ाने की सलाह भी इसमें शामिल है।

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राजद  की सलाह, टीकाकरण की रफ्तार बढ़े

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि महामारी खतरनाक रूप अख्तियार कर चुकी है। जरूरत इस बात की है कि सरकार अधिक गंभीर होकर तैयारी करे। संक्रमित लोगों की पहचान जल्द से जल्द हो। अभी जांच की रफ्तार धीमी है। आज किसी की जांच होती है तो दो-तीन दिन बाद पता चलता है कि व्यक्ति संक्रमित है। बीच की अवधि में संक्रमित व्यक्ति अन्य लोगों के लिए संक्रमण का वाहक बन जाता है। दूसरा यह कि टीकाकरण की रफ्तार बढ़े। सरकारी और निजी अस्पतालों के अलावा शहर के  मोहल्लों में भी टीकाकरण केंद्र बनाए जाएं। यह विरोधाभास अचरज में डालता है। एक तरफ कहते हैं कि अधिक लोग एकसाथ न जुटें। दूसरी तरफ टीका और जांच के लिए भीड़ जमा हो रही है। इससे बचना होगा।

बता दें कि राजद लगातार कोविड वैक्‍सीन को नकली बता कर केंद्र और राज्‍य सरकार की खिल्‍ली उड़ाता रहा। तेज प्रताप यादव ने तो यहां तक कहा था कि वैक्‍सीन नकली है, इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी टीका नहीं लगवा रहे। राजद के कई वरिष्‍ठ नेता कहते पाए गए कि  सीएम नीतीश कुमार टीका लगवाएंगे तभी हम भी टीका के बारे में सोचेंगे।

कांग्रेस बोली, डोर-टू-डोर जांच और टीकाकरण हो :

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा कि डोर-टू-डोर जांच और टीकाकरण कोरोना महामारी से बचने का कारगर उपाय हो सकता है। सरकार इसकी व्यवस्था करे। पहले भी कई बीमारियों से बचाव के लिए डोर-टू-डोर टीकाकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि समय पर जांच और इलाज से जन जीवन की क्षति को बहुत हद तक रोका जा सकता है। एक राजनीतिक दल के नाते वह खुद, उनकी पार्टी के सभी सदस्य और समर्थक महामारी से बचाव के अभियान में हर समय साथ हैं।

भाकपा बोली, ग्रामीण चिकित्सकों की सेवा ले सरकार :

भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा कि टीकाकरण के लिए सरकार ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षित कर उनकी सेवा ले। हरेक गांव में उनकी संख्या एक दर्जन से अधिक है। वे इंजेक्शन देने में निपुण होते हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन और शिक्षण संस्थानों को बंद करने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार डोर-टू-डोर टीकाकरण अभियान चलाए। शिक्षण संस्थानों में कैंप लगा कर टीका लगाया जाए। उनकी पार्टी हर तरह के सहयोग के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पहले दौर के संक्रमण में राज्य सरकार ने बाहर काम करने वाले श्रमिकों को राज्य में ही रोजगार देने का वादा किया था। उस पर अमल करे।

माकपा ने की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की बात :

माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि सबसे पहले राज्य सरकार स्वास्थ्य विभाग की आधारभूत संरचना में सुधार करे। हाल देखकर यह नहीं लग रहा है कि सरकार कोरोना के पहले दौर से कुछ सबक सीख पाई है। निर्धन लोगों के लिए कोई उपाय नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सरकार राजनीतिक दलों और स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग लेकर जागरुकता अभियान चलाए। महामारी के प्रति लोगों को लाठी के जोर पर जागरूक नहीं किया जा सकता है।


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