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बिहार के 38 सरकारी इंजीनियरिंग काॅलेजों में खुलेगा आइआइटी एक्‍सटेंशन सेंटर, सिलेबस भी होंगे अपग्रेड

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय की स्थापना संबंधी पावर प्रेजेंटेशन में सिलेबस को अपग्रेड करने का विशेष निर्देश मिला था। अब आइआइटी के अध्यापकों की मदद से सिलेबस अपग्रेड किए जाएंगे। युवाओं को शोध स्टार्टअप शुरू करने और कैंपस प्लेसमेंट की सुविधा ज्यादा मिलेगी।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 07:12 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 08:58 AM (IST)
बिहार के 38 सरकारी इंजीनियरिंग काॅलेजों में खुलेगा आइआइटी एक्‍सटेंशन सेंटर, सिलेबस भी होंगे अपग्रेड
बिहार में इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय की होगी स्थापना, सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय की स्थापना करने जा रही नीतीश सरकार नए सत्र से टाटा टेक्नोलाॅजी की मदद से सिलेबस को अपग्रेड करेगी। आइआइटी की मदद से तैयार होने वाले सिलेबस कुछ तरह होंगे कि युवाओं को रोजगार दिलाने में मददगार हों। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की कार्ययोजना के मुताबिक, आने वाले समय में कालेजों के कैंपस में आइआइटी एक्सटेंशन सेंटर खुलेंगे।

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एक अधिकारी ने बताया कि मानसून सत्र में इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय और मेडिकल विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव तभी आएगा, जब पूरी तैयारी कर प्रस्तावित विधेयकों पर विधि विभाग की सहमति मिल जाएगी।

सीएम नीतीश ने दिए निर्देश

विभाग के मुताबिक हाल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय की स्थापना संबंधी पावर प्रेजेंटेशन में सिलेबस को अपग्रेड करने का विशेष निर्देश मिला था। विभाग के स्तर से इस पर कार्य आरंभ किया जा रहा है कि आइटीआइ के सेवानिवृत्त अध्यापकों को मेंटर बना कर कोर्स डिजाइन, प्रोग्राम, शोध, इनोवेशन, स्टार्टअप, टीचर ट्रेनिंग और कैंपस प्लेसमेंट पर फोकस किया जाए। इसके लिए आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन ने भी सहमति दी है।

इंजीनियरिंग कालेजों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा पर फोकस  : राज्य सरकार का प्रयास है कि सामान्य इंजीनियरिंग कालेजों में गुणवत्तायुक्त पढ़ाई के अवसर उपलब्ध कराएं जाएं, ताकि युवाओं  को शोध, स्टार्टअप शुरू करने और  कैंपस प्लेसमेंट की सुविधा ज्यादा मिल सके। तकनीकी विशेषज्ञ की मानें तो अभी अधिसंख्य इंजीनियरिंग कालेजों में पासआउट होने वाले 50-52 फीसद विद्यार्थियों को ही अच्छा रोजगार मिल पाता है। सरकार इसी कमी को दूर कर हर छात्र को अवसर उपलब्ध कराना चाहती है। अब हर इंजीनियङ्क्षरग कालेज के लिए कार्य योजना बनानी जरूरी है, जोकि योजना के लिए पूरी रूपरेखा तैयार करने के साथ निगरानी करेगा।


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