Move to Jagran APP

क्राइम छोड़ कलम पकड़ेंगे कैदी, बेउर जेल से हुई शुरुआत

सूबे के कैदी अब क्राइम छोड़ कलम पकड़ेंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Sep 2018 09:00 PM (IST)Updated: Fri, 28 Sep 2018 09:00 PM (IST)
क्राइम छोड़ कलम पकड़ेंगे कैदी, बेउर जेल से हुई शुरुआत
क्राइम छोड़ कलम पकड़ेंगे कैदी, बेउर जेल से हुई शुरुआत

पटना । सूबे के कैदी अब क्राइम छोड़ कलम पकड़ेंगे। जेल से ही पढ़कर वे अब जज और कलेक्टर भी बन सकेंगे। इसके लिए राज्य की सभी 58 जेलों में इग्नू का सेंटर खोलने का प्रस्ताव है। फिलहाल यह प्रक्रिया बेउर, बांका और भागलपुर जेल से शुरू हो रही है। शुक्रवार को आदर्श केंद्रीय कारा, बेउर से इसकी शुरुआत कर दी गई। प्रथम चरण में कैदियों को बीपीपी, डिप्लोमा इन टूरिज्म, सोशल वर्क, फूड एंड न्यूट्रिशन में सर्टिफिकेट कोर्स करने की व्यवस्था की गई है। इसके बाद सभी विषयों में बीए और एमए की पढ़ाई शुरू की जाएगी। वह भी नि:शुल्क। बीपीपी (स्नातक तैयारी कार्यक्रम) टूरिज्म, सोशल वर्क और फूड एंड न्यूट्रिशन के कोर्स छह माह के होंगे। इन कोर्सो के लिए कैदियों की न्यूनतम उम्र 18 साल होनी चाहिए। बीपीपी में पास कैदी जेल में स्थापित इग्नू के ही सेंटर में किसी भी विषय में बीए में दाखिला ले सकते हैं। इसके लिए कैदियों को नामांकन से लेकर सर्टिफिकेट तक किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा। पूरा खर्च इग्नू वहन करेगा। जिस जेल में सेंटर स्थापित किया जाएगा, वहीं पास में मौजूद कॉलेज के शिक्षकों की सेवा पढ़ाने के लिए ली जाएगी। इसके लिए जेल में क्लास रूम की व्यवस्था की जा रही है। परीक्षा भी जेल में ही ली जाएगी। यहां रहते हुए यदि कोई कैदी अगर यूपीएससी, बीपीएससी सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने के लिए आवेदन करता है, तो उसे उसके परीक्षा सेंटर तक ले जाने के लिए सरकार द्वारा व्यवस्था की जाएगी। ऐसे में जेल से ही कैदी अपनी दक्षता के मुताबिक नौकरी पा सक ते हैं। इस तरह क्राइम छोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होकर इज्जतदार जिंदगी जी सकेंगे।

loksabha election banner

बनारस की जेल से टॉप कर चुके हैं कैदी

जेल में पढ़ाई की यह व्यवस्था बिहार के लिए भले नई हो, दूसरे राज्यों की जेलों में इग्नू द्वारा पहले से ही सेंटर चलाए जा रहे हैं। इन केंद्रों से पढ़ाई कर कई कैदी नये कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। जिसमें बनारस सेंट्रल जेल में बंद कैदी अजीत कुमार सरोज को 28वें और सुरेश राम को 29वें दीक्षांत समारोह में डिप्लोमा इन टूरिज्म में गोल्ड मेडल मिला था। दोनों जेल में ही स्थापित इग्नू सेंटर के छात्र थे।

कैदियों को मुख्य धारा में लाने का प्रयास

इस बाबत महानिरीक्षक कारा, मिथिलेश मिश्र ने कहा कि कैदियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए इग्नू के साथ मिलकर प्रयास किया जा रहा है। यह उन कैदियों के लिए बेहतर अवसर होगा, जो जिंदगी में आगे कुछ अच्छा करना चाहते हैं। उन्हें जेल में भी रहकर भविष्य संवारने का मौका मिलेगा। बेउर में पहले दिन 26 कैदियों ने लिया नामांकन

आदर्श केंद्रीय कारा, बेउर में शुक्रवार को इग्नू के स्टडी सेंटर का शुभारंभ महानिरीक्षक कारा, मिथिलेश कुमार मिश्र ने किया। पहले ही दिन 26 कैदियों ने विभिन्न कोर्सो में नामांकन लिया। इन्हें पढ़ाने के लिए बीडी कॉलेज के शिक्षकों की सेवा ली जाएगी। कैदी से विद्यार्थी बने लोगों को इग्नू द्वारा परिचय पत्र और अध्ययन सामग्री दी गई। इस मौके पर इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक अभिलाष नायक, काराधीक्षक रूपक कुमार, शमशीर खान, उप काराधीक्षक और सहायक क्षेत्रीय निदेशक डॉ. आसिफ इकबाल सहित अन्य लोग मौजूद थे। इस बाबत अभिलाष नायक ने कहा कि इग्नू के इस प्रयास से कैदियों को जीवन-यापन के लिए बेहतर मौके मिलेंगे। रिहा होने के बाद वे समाज में सिर उठाकर जी सकेंगे। अच्छे नागरिक बनकर देश और समाज हित में अपने कर्तव्य का निर्वहन करेंगे। वहीं काराधीक्षक रूपम कुमार ने कहा कि बंदियों में शिक्षा के प्रति अलख जगेगी। उनके लिए उच्च शिक्षा के द्वार खुल जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.