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IGIMS में कराएं इलाज, दो घंटे में वाट्सएप और मेल पर आ जाएगी रिपोर्ट

राजधानी के आइजीआइएमएस में मरीजों को ऑनलाइन जांच रिपोर्ट भेजने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। अब मैसेज, वाट्सएप और मेल पर दो घंटे में रिपोर्ट आ जाएगी।

By Edited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 10:27 AM (IST)
IGIMS में कराएं इलाज, दो घंटे में वाट्सएप और मेल पर आ जाएगी रिपोर्ट
IGIMS में कराएं इलाज, दो घंटे में वाट्सएप और मेल पर आ जाएगी रिपोर्ट
पटना, जेएनएन। एक तो इलाज के लिए लंबी लाइन उसके बाद रिपोर्ट के लिए घंटों इंतजार करना। अब एेसा नहीं होगा। पटना आइजीआइएमएस अब केवल इलाज के लिए टेंशन लेनी होगी, रिपोर्ट के लिए नहीं। जांच रिपोर्ट मात्र दो घंटे में मैसेज, वाट्सएप एवं मेल के माध्यम से मुहैया करा दी जाएगी। बुधवार को ऑटोमेटिक न्यूमेटिक सिस्टम का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने किया।

वेबसाइट पर रिपोर्ट देख सकेेंगे डाक्टर

इसके अलावा यह आइजीआइएमएस की वेबसाइट पर अपलोड रहेगी जिसे डॉक्टर देख सकते हैं। बुधवार को ट्रायल के आधार पर पहली जांच रिपोर्ट दिलीप पासवान को मुहैया कराई गई। उसकी सीबीसी, एलडीएच एवं हेमेटोलॉजी की जांच की गई। चार-पांच दिनों में पूरी प्रक्रिया सुचारू रूप से चालू हो जाएगी। मंत्री ने कहा कि इस तरह की सुविधा देश में पहली बार आइजीआइएमएस में शुरू की गई है। अब तक इस तरह की सुविधा देश के अन्य अस्पतालों में मौजूद नहीं है।

4200 नमूने की जांच एक घंटे में
नई मशीन से 4200 नमूने की जांच एक घंटे में की जा सकती है। इस मशीन से 122 तरह की जांच की जा रही है। अब तक आइजीआइएमएस में 28 तरह के रक्त के नमूने की जांच होती थी।

पैसा जमा करने के बाद मिलेगा टोकन
आइजीआइएमएस में आने वाले मरीजों को नई सुविधा लेने के लिए डॉक्टर से दिखाने के बाद जांच के लिए पैसा जमा करना होगा। यही पर एक टोकन उसे दिया जाएगा। एक टोकन एक ही मरीज को मिलेगा। उस टोकन के साथ मरीज के रक्त के नमूने लिए जाएंगे। उसके बाद नमूने जांच के लिए मशीन में डाल दिये जाएंगे। नमूने ओपीडी से मशीन के माध्यम से लैब में चले जाएंगे। वहां पर रक्त की जांच के बाद दो घंटे के अंदर रिपोर्ट, मरीज के मोबाइल पर भेज दी जाएगी।

पैलिएटिव केयर यूनिट खुली
आइजीआइएमएस में स्वास्थ्य मंत्री ने पैलिएटिव केयर यूनिट का उद्घाटन किया। अब कैंसर के बुजुर्ग मरीजों को कैंसर विभाग में नहीं जाना होगा। बल्कि उनके लिए विशेष ओपीडी की व्यवस्था की गई है। इससे मरीजों को काफी लाभ होगा। उनकी विशेष केयर होगी। फिलहाल इस विभाग को दो बेड अस्पताल में आवंटित किए गए है।

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