बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी के ये नेता नहीं खोलेंगे जुबान, क्योंकि आग लग जाएगी
बिहार में एनडीए के दलों का घमासान थम नहीं रहा है। शराबबंदी कानून वापस लेने की मांग कर चुके पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने एक बार फिर मांग दोहराई है। साथ ही बिहार सरकार के मंत्री नीरज बबलू के बयान पर जोरदार पलटवार किया है।
पटना, आनलाइन डेस्क। बिहार में एनडीए के दलों का घमासान थम नहीं रहा है। शराबबंदी कानून वापस लेने की मांग कर चुके पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने एक बार फिर मांग दोहराई है। साथ ही जीतन राम मांझी पर उम्र के असर संबंधी बिहार सरकार के मंत्री नीरज बबलू के बयान पर जोरदार पलटवार किया है। कहा है कि यदि हम पीएम पर बोलने लगे तो उन्हें कैसा लगेगा। इसलिए सोच समझकर बोलिए। उन्होंने एनडीए में एक कोर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग भी कर दी। मुकेश सहनी के बयानों का उन्होंने समर्थन किया। साथ ही भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी पर भी तंज कस दिया।
जहरीली शराब पर पूरी रोक क्यों नहीं लग रही
हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने गुरुवार को एक न्यूज पोर्टल से बात करते हुए कहा कि जिस कानून से जनता नाराज हो। सरकार पर उंगलियां उठे। बेगुनाह लोगों की मौत हो, वैसे कानून पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। हमारे नेता जीतन राम मांझी गरीबों की, आम बिहारियों की बात करते हैं। कुछ राजनीतिक दलों के नेता कहते हैं कि पी रहे हैं तो मर रहे हैं। उनसे मेरा सवाल है कि बिक रहा है तब तो पी रहे हैं। शत प्रतिशत रोक लगा दी जाए तो इस कानून को हम कारगर मानेंगे। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा।
पूरे देश में करवाइए न पूर्ण शराबबंदी
मंत्री नीरज बबलू के जीतन राम मांझी पर उम्र का असर होने के बयान पर रिजवान ने कहा कि यदि हमारे नेता पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। तो हम ये कहेंगे कि दो दिन पहले प्रधानमंत्री भाषण देते-देते रुक गए थे। यदि हम उनपर बोलने लगे तो कैसा लगेगा। हमने जुबान खोल दी तो आग लग जाएगी। मुकेश सहनी के बयान का समर्थन करते हुए रिजवान ने कहा कि सरकार में एक-एक विधायक का महत्व है। इसलिए मुकेश सहनी का बयान महत्वपूर्ण है। सुशील मोदी का ट्वीट आता है कि शराबबंदी कारगर कानून है। उनकी कई राज्यों में सरकार है। वे राज्यसभा सांसद हैं। वे केंद्र सरकार से पूरे देश में शराबबंदी कानू लागू करवा दें। हम इसका स्वागत करेंगे। लेकिन देश के लिए अलग नीति और बिहार के लिए अलग, यह नहीं चलेगा।