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बिहार सरकार के कर्मचारियों के सेवांत लाभ में हुआ विलंब तो नपेंगे अफसर

लोकायुक्त ने बेवजह सेवांत लाभ लटकाए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। शिकायत पर समीक्षा के बाद चार तक पेंडिंग मामलों की रिपोर्ट तलब की है। विशेष सचिव ने दो जनवरी तक भुगतान के सभी लंबित मामले निपटाकर सरकार को रिपोर्ट सौंपने का फरमान सुनाया । -

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 03:39 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 03:39 PM (IST)
बिहार सरकार के कर्मचारियों के सेवांत लाभ में हुआ विलंब तो नपेंगे अफसर
लोकायुक्‍त ने सरकार से मांगी रिपोर्ट, सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो । सेवानिवृत्त, होने वाले कर्मचारियों के साथ ही मृत कर्मियों की पेंशन समेत अन्य सेवांत लाभ को बेवजह लटकाए रखने वाले अफसरों-कर्मियों से सरकार अब सख्ती से निपटेगी। असल में लोकायुक्त ने बेवजह सेवांत लाभ लटकाए जाने को लेकर सरकार से अपनी नाराजगी जाहिर की है। जिसके बाद लंबित मामलों को हर हाल में दो जनवरी तक निपटाने के निर्देश दिए गए हैं।

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लाेकायुक्‍त ने मांगी रिपोर्ट

असल में पिछले महीने सेवांत लाभ से जुड़ी कुछ शिकायतों को सुनने के क्रम में लोकायुक्त ने सेवांत लाभ को लटकाए जाने को लेकर काफी नाराजगी जाहिर की और भवन निर्माण विभाग से चार जनवरी 2021 तक 'जीरो पेंडेंसी' रिपोर्ट मांगी। लोकायुक्त के आदेश पर विशेष सचिव मनीष कुमार की ओर से सभी इंजीनियरों को पत्र भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि हर हाल में दो जनवरी तक लंबित सेवांत लाभ के मामलों का निपटारा कर रिपोर्ट सरकार को भेजे ताकि चार जनवरी को लोकायुक्त को रिपोर्ट सौंपी जा सके।

सेवांत लाभ बेवजह लटकाए रखना गैर कानूनी

विशेष सचिव ने अपने निर्देश में साफ किया है कि किसी भी कर्मचारी के सेवानिवृत्त होते ही उन्हें सेवांत लाभ का भुगतान तत्काल करना होता है। इसे बेवजह लटकाए रखना गैर कानूनी है। खासकर मृत कर्मचारियों के मामले में विलंब अनैतिक और अमानवीय तक माना गया है। जिसके लिए बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के प्रावधानों के तहत अनुशासनिक कार्रवाई के प्रावधान तक किए गए हैं। विशेष सचिव ने निर्देश दिए हैं कि नियमों को ध्यान में रखते हुए हर हाल में यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर करें और रिपोर्ट हर हाल में दो जनवरी तक सरकार को मुहैया करा दें ताकि लोकायुक्त को जीरो पेंडेंसी रिपोर्ट सौंपी जा सके। सूत्रों की माने तो विभाग में सेवांत लाभ के सौ से अधिक मामले जिलों में लंबित हैं।


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