पति ने की तीसरी शादी, इंसाफ की आस लिए दूसरी पत्नी पहुंची महिला आयोग
पति ने की तीसरी शादी दूसरी पत्नी शिकायत करने पहुंची महिला आयोग
पटना। बिहार राज्य महिला आयोग में सोमवार को आरा की रहने वाली एक महिला ने अपने डीसीएलआर पति की तीसरी शादी के खिलाफ आवेदन दिया है। आवेदन में पीडि़ता ने कहा कि उसकी शादी 6 मई 2017 को बनारस में हिदू रीति रिवाज के साथ हुई थी। पति झारखंड के एक जिले में डीसीएलआर के पद पर अभी तैनात हैं।
उन्होंने बताया कि शादी की शुरुआत में सबकुछ अच्छा चल रहा था लेकिन कुछ ही महीनों के बाद उसे पता चला कि उनके पति पहले से शादीशुदा हैं और उससे एक बच्चा भी है। जब इस बाबत वे अपने ससुरालवालों से पूछी तो उन्हें झूठ बोला गया कि पहली पत्नी से तलाक हो चुका है। जब उसने पति से तलाक के पेपर देखने के लिए मागे तो उन्होंने कहा कि पेपर पिताजी के पास है। उनके पिताजी से इस संदर्भ में पूछा तो उन्होंने पेपर नहीं दिखाया और बहाना बना दिया। अंत में थकहार उसने सारी बातें अपने घरवालों (मायकेवालों) को बता दी। जब विवाहिता के स्वजनों ने ससुरालवालों से सच जानना चाहा तो उनलोगों ने दस लाख रुपये दहेज की माग कर दी और कहा कि यदि माग पूरी नहीं हुई तो पहली पत्नी की तरह इसे भी छोड़ दिया जाएगा।
इस घटना के बाद पति और ससुरालवाले उसे प्रताड़ित करने लगे। जलाने और गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की गई। उस वक्त मेरा भाई मुझे अपने घर कोलकाता लेकर चला गया। वहा मुझे पता चला कि मैं मा बनने वाली हूं। भाई ने पति को इसके बारे में जानकारी दी तो वे मुझे लेकर हजारीबाग आ गए। उस वक्त मैंने पति से कहा कि अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करवा लें जिस पर उन्होंने मुझे इतना मारा की मेरा गर्भपात हो गया।
पीडि़ता ने बताया कि इस संबंध में उसने बनारस के महिला थाने में एफआइआर दर्ज करवाई है। इसी बीच पता चला कि पति ने तीसरी शादी भी कर ली है लेकिन इसका कोई प्रमाण अभी महिला के पास नहीं है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग की ओर से दूसरे पक्ष को उपस्थित होने को लेकर चिट्ठी लिखी गई है। दोनों पक्षों को बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणी मिश्रा ने 13 मार्च को आयोग के दफ्तर में बुलाया है।