मानसून सत्र: बिहार विधानसभा में गूंजा मॉब लिचिंग का मुद्दा, विपक्ष के हंगामे से शून्य काल बाधित
बिहार के विभिन्न इलाकों में भीड़ द्वारा कानून हाथ में ले खुद इंसाफ करने की कई घटनाएं सामने आईं हैं। मॉब लिंचिंग की इन घटनाओं को लेकर सोमवार को विधानसभा में हंगाम हुआ।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार विधानसभा में सोमवार को प्रदेश में छपरा समेत अन्य जगहों पर हुई 'मॉब लिचिंग' का मुद्दा छाया रहा। विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन के बाहर और अंदर ऐसी घटनाओं के विरोध में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मामले की सीबीआइ जांच करा दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की। हंगामे के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने वेल में आकर प्ले कार्ड और पोस्टर भी लहराए। इस हंगामे के चलते विधानसभा में शून्यकाल बाधित हुआ और सदन की पहली पाली की कार्यवाही करीब एक घंटा पहले ही दो बजे दिन तक स्थगित करनी पड़ी।
सदन में उठाया 'मॉब लिचिंग' का मुद्दा
इससे पहले विधानसभा की पहली पाली 11 बजे आरंभ होते ही विपक्ष की तरफ से सदन में 'मॉब लिचिंग' की घटनाओं का मुद्दा उठाया गया। राजद के ललित कुमार यादव ने अध्यक्ष से उनकी बातें सुन लेने का आग्रह करते हुए कहा कि मॉब लिंचिंग का मामला बेहद गंभीर है। अध्यक्ष ने कहा कि यदि आप इस बात की गंभीरता को समझते हैं तो इसे समय पर उठाना उपयुक्त होगा। पिछले दिनों ही विधि-व्यवस्था पर तीन घंटे चर्चा हुई थी। अभी प्रश्नकाल का समय है इसे बबार्द ना करें। तय समय पर इस मामले को उठाएं।
सरकार के जवाब की मांग को ले विपक्ष का हंगामा
इसके बाद प्रश्नोत्तर काल शांतिपूर्ण तरीके से चला, लेकिन शून्य काल शुरू होते ही राजद के विधायक ललित कुमार यादव, मो. नेमतुल्लाह, भोला यादव, समीर कुमार महासेठ, प्रहलाद यादव, नवाज आलम, राजेंद्र कुमार, कुमार कृष्ण मोहन, भाकपा माले के सत्यदेव राम, कांग्रेस की अमिता भूषण और पूनम कुमारी ने 'मॉब लिचिंग' के मसले पर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया। साथ ही सरकार से जवाब देने की मांग करते हुए हंगामा करने लगे।
घटनाओं की सीबीआइ जांच कराने की मांग
इसपर विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने कहा कि सदन में पेश विनियोग विधेयक पर चर्चा और सरकार का जवाब होना है। इसके बाद उन्होंने कार्यस्थगन की मांग को अस्वीकार कर दिया। इस पर विपक्षी दलों के सदस्य वेल में आ गए और हंगामा करने लगे। विपक्षी सदस्य 'मॉब लिंचिंग पर रोक लगाओ, छपरा मॉब लिंचिंग मामले की सीबीआइ से जांच कराओ' के नारे लगाने लगे।
इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी। कांग्रेस विधान मंडल दल दल के नेता सदानंद सिंह और अवधेश कुमार सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 'मॉब लिचिंग' की घटनाओं की जांच सरकार को करानी चाहिए और इसके बारे में सदन में एक वक्तव्य भी देना चाहिए। जबकि, माले के सत्यदेव राम ने छपरा मॉब लिंचिंग मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की।