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बिहार में पूरी तरह फ्लॉप रही मानव शृंखला, 'हाथ' ने नहीं दिया 'लालटेन' का साथ

कृषि कानूनों के खिलाफ महागठबंधन के मानव शृंखला को भाजपा ने पूरी तरह फ्लॉप करार दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने कहा है कि विपक्ष की मानव शृंखला पूरी तरह फ्लॉप साबित हुई। मानव शृंखला पटना के फ्रेजर रोड तक ही सिमट कर रह गई।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 04:17 PM (IST)Updated: Sun, 31 Jan 2021 08:41 AM (IST)
बिहार में पूरी तरह फ्लॉप रही मानव शृंखला, 'हाथ' ने नहीं दिया 'लालटेन' का साथ
राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिह्न। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना: कृषि कानूनों के खिलाफ महागठबंधन के मानव शृंखला को भाजपा ने पूरी तरह फ्लॉप करार दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने कहा है कि विपक्ष की मानव शृंखला पूरी तरह फ्लॉप साबित हुई। मानव शृंखला पटना के फ्रेजर रोड तक ही सिमट कर रह गई। इस आयोजन ने विपक्षी एकता की पोल भी खोल कर रख दी। 'हाथ' और 'लालटेन' का साथ नहीं दिखा। लाल झंडाबरदार भी शृंखला की कड़ी नहीं बन पाए।

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दूर से सलाम ठोकते रहे कामरेड

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने कहा है कि विपक्ष के इस ढकोसले में जनता की भागीदारी नहीं बनी। असल में विपक्ष की मानव शृंखला किसानों के लिए नहीं, बल्कि किसान आंदोलन के नाम पर देश को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवी तत्वों के समर्थन में आयोजित की गई थी। बिहार की जनता ने पूरी तरह नकार दिया। आयोजन से विपक्षी कुनबे का बिखराव सड़क पर आ गया। लालटेन के साथ के लिए हाथ आगे नहीं आया। कामरेड दूर से ही लाल सलाम ठोकते रहे। 

नीति-नीयत से वाकिफ है बिहार की जनता

उन्होंने कहा नीतीश कुमार के आह्वान पर 2017, 2018 और 2020 में आयोजित की गई मानव शृंखला ने दुनिया में कीर्तिमान स्थापित किया था। विपक्ष ने तो मानव शृंखला के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेना भी जरूरी नहीं समझा। विपक्ष की गैर जवाबदेही, उसकी नीति और उसके नीयत से बिहार की जनता पूरी तरह वाकिफ है, इसलिए विपक्ष की मानव शृंखला में जनभागीदारी नहीं रही।

किसानों का विश्वास एनडीए के साथ

विपक्ष के इक्के-दुक्के कार्यकर्ता नजर आए लेकिन किसान कहीं दिखाई दिए। किसानों ने अपने समर्थन से केंद्र और राज्य में एनडीए की सरकार बनाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना पूर्ण समर्थन दिया है। किसानों का विश्वास एनडीए पर कायम है। एनडीए सरकार ने बिहार में आजादी से पहले कि लंबित सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी ही नहीं दी बल्कि इसमें कई योजनाएं पूरी हो चुकी हैं। हर खेत को बिजली दी जा रही है ताकि सिंचाई सस्ता हो सके, खाद के लिए किसानों पर अब लाठी नहीं बरसती। लंबी लाइन में भी नहीं लगना पड़ रहा है। खाद की कालाबाजारी नहीं होती है। जगह-जगह खाद आसानी से उपलब्ध है। किसानों के खाते में सीधे अनुदान का रुपया जा रहा है। तीन-तीन कृषि रोड मैप बनाकर सरकार खेती किसानी को लाभकारी बनाने में संकल्प के साथ प्रतिबद्ध है। सरकार लगातार काम कर रही है विपक्ष लगातार अवरोध पैदा कर रहा है। विपक्ष को कुर्सी की चिंता है क्योंकि कुर्सी के माध्यम से ही गरीबों का मजदूरों का किसानों का हक हुकूक लूटकर अपना घर भरना उनका उद्देश्य है। जनता इसे समझ चुकी है।


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