बिहार में शराब पीते पकड़े जाने पर नहीं देना होगा भारी जुर्माना, सुनवाई करेंगे मजिस्ट्रेट
मद्य निषेध विधेयक में संशोधन प्रस्ताव पर काफी लंबे समय से विचार चल रहा है। इसके पहले वर्ष 2018 में भी मद्यनिषेध कानून में संशोधन किया गया था।पकड़े जाने पर 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रविधान किया गया था मगर तब यह अधिकार कोर्ट के पास था।
राज्य ब्यूरो, पटना: मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने भी अब इस बात की पुष्टि कर दी है कि शराबबंदी कानून में संशोधन प्रस्ताव पर विचार चल रहा है। उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने सोमवार को प्रेस वार्ता में बताया कि मद्य निषेध विधेयक में संशोधन प्रस्ताव पर काफी लंबे समय से विचार चल रहा है। इसके पहले वर्ष 2018 में भी मद्यनिषेध कानून में संशोधन किया गया था। उस समय शराब पीते हुए पकड़े जाने पर 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रविधान किया गया था मगर तब यह अधिकार कोर्ट के पास था। नए संशोधन प्रस्ताव में शराब पीकर पकड़े जाने पर सुनवाई का अधिकार कार्यपालक दंडाधिकारी यानी एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट देने की तैयारी है। जुर्माने की राशि क्या होगी, यह अभी तय नहीं है। इसके अलावा शराब निर्माण या बेचने से जुड़े अपराधियों के मामले पहले की तरह ही कोर्ट के पास जाएंगे। मालूम हो दैनिक जागरण ने पिछले सप्ताह ही यह खबर प्रकाशित की थी कि शराबबंदी कानून में संशोधन प्रस्ताव लाने की तैयारी है।
शराब धंधेबाजों का जल्द होगा ट्रायल
उत्पाद आयुक्त ने बताया कि शराबबंदी के कारण कोर्ट पर बढ़े दबाव को कम करने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में ही 74 विशेष न्यायालयों की स्वीकृति दी थी। इसके बाद इसके गठन आदि का काम न्यायालय के स्तर पर होना था। पिछले माह ही सभी जगह न्यायिक दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है और अब सभी 74 विशेष न्यायालय सक्रिय भी हो गए हैं। इससे बड़े शराब माफिया और तस्करों के खिलाफ लंबित मामलों की सुनवाई में तेजी आएगी।
शराब की कमाई से बनी अवैध संपत्ति होगी जब्त
नए संशोधन प्रस्ताव में शराब के धंधेबाजों पर और सख्ती करने की तैयारी भी है। खासकर शराब की कमाई से बनाई गई अवैध संपत्ति को जब्त करने का अधिकार सरकार के पास होगा। इसमें राज्य के बाहर के शराब तस्करों की भी अवैध संपत्ति की जब्ती की जाएगी। उम्मीद है कि फरवरी में होने वाले बजट सत्र में मद्यनिषेध कानून पर संशोधन प्रस्ताव सदन में लाया जाएगा।