Move to Jagran APP

पीएमसीएच में जूनियर डॉक्‍टरों की हड़ताल जारी; 17 की गई जान, इमरजेंसी भी प्रभावित

पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्‍पताल (पीएमसीएच) में जूनियर डॉक्‍टरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। इससे मरीज परेशान हैं। हड़ताल के असर की पड़ताल करती खबर।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 08:48 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 11:17 PM (IST)
पीएमसीएच में जूनियर डॉक्‍टरों की हड़ताल जारी; 17 की गई जान, इमरजेंसी भी प्रभावित
पीएमसीएच में जूनियर डॉक्‍टरों की हड़ताल जारी; 17 की गई जान, इमरजेंसी भी प्रभावित

पटना [जेएनएन]। पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के बीच मंगलवार को ओपीडी में 2614 मरीजों का इलाज किया गया। सीनियर डॉक्टरों ने कमान संभाले रखी। ऑपरेशन और इमरजेंसी सेवा सबसे ज्यादा प्रभावित रही। अस्पताल में एक भी ऑपरेशन नहीं हुआ, जबकि 30 ऑपरेशन होने थे। इमरजेंसी में भी 50 फीसद से कम मरीज पहुंचे।

loksabha election banner

पीएमसीएच की हड़ताल के दौरान अब तक 17 मरीजों की मौत हो चुकी है, हालांकि, अस्‍पताल अधीक्षक डॉ.राजीव रंजन प्रसाद इन मौतों का कारण हड़ताल को नहीं मानते। उनके अनुसार ओपीडी में सामान्य दिनों की तरह सेवा जारी रही। सोमवार को भी हड़ताल के बावजूद 3194 मरीजों का इलाज किया गया था।

200 मरीज ही आए इमरजेंसी में
हड़ताल की वजह से पीएमसीएच की इमरजेंसी सेवा प्रभावित हुई। सामान्यत: 400 के आसपास मरीज हर दिन इमरजेंसी में भर्ती होते हैं, लेकिन मंगलवार को लगभग 200 मरीज ही पहुंचे। कई मरीज जो पहले से इमरजेंसी में भर्ती थे वे पलायन कर दूसरे अस्पातल में चले गए। लगभग 30 फीसद बेड खाली थे।

नहीं माने जूनियर डॉक्टर, कहा-जारी रहेगी हड़ताल
पीएमसीएच में दिनभर अस्पताल प्रशासन एवं जूनियर डॉक्टरों के बीच बैठकों का दौर जारी रहा। सुबह 10 बजे पहली बैठक हुई, जिसमें कॉलेज के प्राचार्य डॉ.अजीत कुमार वर्मा एवं अधीक्षक डॉ.राजीव रंजन प्रसाद सहित कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने भाग लिया।  बैठक के बाद जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.शंकर भारती ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर वे गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि अब तक अस्पताल प्रशासन की ओर से मारपीट करने वाले अभिभावकों पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। मात्र एक हवलदार के माध्यम से मुकदमा दर्ज है। इसके अलावा मुख्य अभियुक्त को भी अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। अस्पताल में अलार्म लगाने की प्रक्रिया कई वर्षों से लंबित है। जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि जब तक उनकी मांग मान नहीं ली जाती तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

अस्पताल प्रशासन ने मांगे 50 डॉक्टर
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि 50 डॉक्टरों की मांग की गई है, जिनमें अब तक 10 डॉक्टरों ने योगदान दे दिया है। इससे इमरजेंसी की सुविधा में सुधार करने की कोशिश की जा रही है।

निजी अस्पतालों के दलाल सक्रिय
पीएमसीएच में हड़ताल की वजह से निजी अस्पतालों के दलाल सक्रिय हो गए हैं। इमरजेंसी के गेट पर जैसे ही कोई मरीज एंबुलेंस से उतारा जाता है, सक्रिय दलाल परिजनों को बरगलाने लगते हैं। उन्हें बताते हैं कि अस्पताल में हड़ताल है, जिसकी वजह से इलाज संभव नहीं है। आप निजी अस्पताल में लेकर इलाज कराइये नहीं तो मरीज की मौत हो जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.