पुलिस होती सतर्क तो बच सकती थी बूथ संचालक की जान
आलमगंज थाना क्षेत्र के गायघाट स्थित डेयरी बूथ संचालक हत्याकांड में दो दिन पूर्व पुलिस गंभीर होती तो संचालक विनय कुमार तिवारी की जान बच सकती थी। बूथ संचालक की पत्नी द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कई सवाल उठ रहे हैं।
- खुदरा कराने वाले दिन ही धमकी देने वालों को जाने दिया पुलिसकर्मियों ने
जासं, पटना सिटी: आलमगंज थाना क्षेत्र के गायघाट स्थित डेयरी बूथ संचालक हत्याकांड में दो दिन पूर्व पुलिस गंभीर होती तो संचालक विनय कुमार तिवारी की जान बच सकती थी। बूथ संचालक की पत्नी पुष्पा देवी द्वारा दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि 21 जुलाई को वो खुद भी दुकान पर थीं। इसी दौरान मोहम्मद अरशद, मोहम्मद बादशाह उर्फ राजा व मनी सहनी 100 रुपये का खुदरा मांगने दुकान पहुंचे। पहले पति ने खुदरा नहीं होने की बात कही। आग्रह पर बाद में खुदरा दिया। उसमें पांच एक-एक रुपये का सिक्का था। सिक्का लेने से तीनों ने इन्कार कर दिया। तब तिवारी ने कहा कि सिक्का लेना है तो लो नहीं तो जाओ। इस बात पर वे धमकी देकर चले गए।
पत्नी ने प्राथमिकी में बताया है कि थोड़ी देर बाद लगभग एक दर्जन लड़के हाथ में तलवार और हॉकी स्टिक लेकर आए और गाली-गलौज करने लगे। इसी बीच आलमगंज थाना की गश्ती गाड़ी आ गई। बीच-बचाव कर उन्हें हटा दिया। वे लोग आगे बता देने की धमकी देकर चले गए। एक दिन बाद गुरुवार की सुबह तीनों ने गोली मारकर पति की हत्या कर दी।
स्वजन सवाल कर रहे हैं कि लॉकडाउन के दौरान तलवार और हॉकी स्टिक लेकर दुकान पहुंचे एक दर्जन लड़कों को गश्ती कर रहे जवान, सामने आलमगंज पुलिस चौकी में तैनात पुलिसकर्मी तथा यातायात पुलिसकर्मियों द्वारा क्यों नहीं पकड़ा गया? वे पुलिस के सामने ही बता देने की धमकी देकर चले गए।
बीच-बचाव की जगह पुलिस मंगलवार को ही खुदरा को लेकर उठे विवाद में धमकी देने वालों को गिरफ्तार कर लेती तो बूथ संचालक की जान बच सकती थी। हालांकि थानाध्यक्ष सुधीर कुमार का कहना है जांच-पड़ताल कर प्राथमिकी में नामजद तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।