प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार लगाएगी उद्योग, हर समूह में 50 मजदूर करेंगे कार्य
अब सरकार सरकार उद्योग इकाई लगाएगी। इससे हर इकाई में न्यूनतम 10 मजदूर व अधिकतम 50 मजदूरों को रोजगार प्राप्त होगा। जानें फायदे-
पटना, जेएनएन। दूसरे प्रदेशों से लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार उद्योग इकाई लगाएगी। हर इकाई में न्यूनतम 10 मजदूर व अधिकतम 50 मजदूरों को रोजगार प्राप्त होगा। इसके लिए सरकार की ओर से एक इकाई पर 10 लाख रुपये तक खर्च की जाएगी। इसके लिए जिला को 50 लाख रुपये का आवंटन भी कर दिया है। बुधवार को जिला औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना के तहत गठित जिला स्तरीय कमेटी की बैठक पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि की अध्यक्षता में हुई।
जिला औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना की गई लागू
प्रवासी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्ध कराने हेतु जिला औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना लागू की गई। श्रमिकों की दक्षता का आकलन कर उनको रोजगार उपलब्ध कराने के लिए लघु औद्योगिक इकाइया स्थापित की जाएगी। बैठक में उप विकास आयुक्त रिची पांडे, अनुमंडल पदाधिकारी सदर तनय सुल्तानिया, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र उमेश कुमार, एनआईटी, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, नाबार्ड के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इस दौरान प्रवासियों को जल्द रोजगार देने पर चर्चा हुई।
एनआइटी व सीआइएमपी बनाएगा प्रोजेक्ट
जिला औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना के तहत परियोजना बनाने की जिम्मेवारी एनआइटी व चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान को दी गई है। इसके लिए जिला उद्योग विभाग के जीएम श्रमिकों के समूह को चिन्हित कर मैपिंग करेंगे और प्रशिक्षण भी देंगे। इसके तहत नाबार्ड योजना के तहत कशीदाकारी समूह, एनआईटी पटना ने पेवर ब्लॉक एवं फ्लाईएस ब्रिक्स समूह को विकसित करने का निर्णय लिया। इसके लिए सरकार निफ्ट पटना रेडीमेड गारमेंट्स में पहल करेगी। इसके तहत एक इकाई स्थापित करने के लिए सरकार 10 लाख रुपये खर्च करेगी। इसमें जिला को मिला 50 लाख रुपये का आवंटन मिल गया है। अब प्रवासी मजदूरों के लिए जिले में लागू हो गई है जिला औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना। इससे बाहर से आ रहे मजदूरों का अपने घर में ही रोजगार दिया जा सकेगा। ताकि वे फिर से पलायन न करें।