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सरकार सख्तः नेपाल-बांग्लादेश के नागरिकों को बिहार में नहीं लगेगा टीका, जानें क्या है कारण

बिहार में आकर रहने वाले नेपाल और बांग्लादेश के नागरिकों को कोरोना का टीका नहीं लगेगा। कोरोना का टीका वैध पहचान-पत्र के आधार पर दिया जा रहा है जबकि उन विदेशी नागरिकों के पास भारत के निवासी होने का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 01:33 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 01:33 PM (IST)
सरकार सख्तः नेपाल-बांग्लादेश के नागरिकों को बिहार में नहीं लगेगा टीका, जानें क्या है कारण
नेपाल और बांग्लादेश के नागरिकों को बिहार में नहीं लगेगी वैक्सीन। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : किसी भी तरीके से बिहार में आकर रहने वाले नेपाल और बांग्लादेश के नागरिकों को कोरोना का टीका नहीं लगेगा। कोरोना का टीका वैध पहचान-पत्र के आधार पर दिया जा रहा है, जबकि उन विदेशी नागरिकों के पास भारत के निवासी होने का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं। ऐसे में बिहार में उन्हें टीका नहीं लगने वाला, इसके लिए वे चाहें कितनी भी जुगत भिड़ा लें। 

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राज्य के किशनगंज, पूर्णिया और सुपौल आदि जिलों में बांग्लादेश के भी किंचित नागरिक बस गए हैं। इसके अलावा उत्तर बिहार और सीमांचल के अररिया आदि जिलों में नेपाली नागरिक भी रहते हैं। उत्तर बिहार से तो नेपाल की सीमा पूरी तरह से खुली हुई है और वहां कई जिलों में नेपाली मूल के बाशिंदे हैं। फिलहाल बिहार में उन्हें कोरोना का टीका नहीं मिलने जा रहा। यह बात दीगर कि देश के दूसरे राज्यों में नेपाली मूल के नागरिकों के टीकाकरण की भी योजना बनाई जा रही है। इससे बिहार को कोई वास्ता नहीं और इस मसले पर राज्य सरकार की नीति बिल्कुल स्पष्ट है। 

उत्तराखंड सरकार की पहल को बताया जा रहा

दरअसल, ऐसी आशंकाएं जाहिर की जा रही थीं कि नेपाल और बांग्लादेश के नागरिकों को भी बिहार में टीका लगाया जाएगा। इसका आधार उत्तराखंड सरकार की पहल को बताया जा रहा। वहां की सरकार ने घोषणा की है कि उत्तराखंड में रहने वाले नेपाली मूल के नागरिकों का भी टीकाकरण होगा। बहरहाल बिहार में ऐसी कोई संभावना नहीं, क्योंकि राज्य में खाते में मिले टीकों पर पहला अधिकार बिहार के बाशिंदों का है। राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र सरकार से जो टीके मिले हैं, वे बिहार के नागरिकों के लिए। ऐसी स्थिति में नेपाल या बांग्लादेश से आकर बिहार में रहने वाले लोगों को टीका देने की कोई योजना नहीं।

मंत्री ने बताया क्या है अधिकार

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का कहना है कि केंद्रीय गाइडलाइन के अनुसार ही बिहार में टीकाकरण की व्यवस्था की गई है। कोई व्यक्ति नेपाल या बांग्लादेश से आकर बिहार में रहने लगेगा, तो उसका अधिकार टीके पर नहीं हो जाएगा। यदि विदेशी मूल के किसी नागरिक के पास भारत का आधार कार्ड या टीकाकरण के लिए निर्धारित आठ प्रकार के अन्य प्रमाण पत्र हैं, तो वैसी स्थिति में उसे कोरोना का टीका दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत कहते हैं कि बिहार को टीके विदेशी मूल के नागरिकों के लिए नहीं मिले हैं। आधार कार्ड लेकर आइए, हमें टीका देने में कोई समस्या नहीं होगी।


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