सरकारी स्कूल बने सीबीएसई छात्रों के लिए आकर्षण का केंद्र
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की पहल अब रंग दिखाने लगी है
नीरज कुमार, पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की पहल अब रंग दिखाने लगी है। बिहार बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों को अबतक दोयम दर्जे का माना जाता था, लेकिन इस वर्ष स्थिति बदल गई है। बिहार बोर्ड द्वारा परीक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव का बेहतर नतीजा देखने को मिल रहा है। अब सरकारी स्कूल भी सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) से मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए आकर्षण का केंद्र बनते जा रहे हैं। इससे सरकार स्कूलों के प्राचार्य व शिक्षक भी काफी उत्साहित हैं। इस वर्ष सीबीएसई के लगभग 87,338 छात्र-छात्राओं ने बिहार बोर्ड में इंटर में नामांकन के लिए आवेदन किया है।
राजधानी के शास्त्रीनगर हाईस्कूल के प्राचार्य श्रीकांत शर्मा का कहना है कि इस वर्ष स्कूल की लगभग 50 फीसद सीटों पर सीबीएसई के विद्यार्थियों ने नामांकन के लिए आवेदन किया है। यहां पर बोर्ड द्वारा लगभग 300 सीट इंटर में निर्धारित की गई है। वहीं केवी सहाय हाईस्कूल के प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार मिश्र का कहना है कि इस वर्ष काफी संख्या में सीबीएसई से दसवीं की परीक्षा पास करने वाले छात्र इंटर में नामांकन ले रहे हैं। इससे सरकारी स्कूलों की पढ़ाई में गुणवत्ता बढ़ने की उम्मीद है। प्रथम मेधा सूची के आधार पर 17 अगस्त तक इंटर में नामांकन होना है। इसके बाद बिहार बोर्ड द्वारा द्वितीय एवं तृतीय मेधा सूची जारी की जाएगी।
लॉकडाउन व ऑनलाइन शिक्षा का मिल रहा फायदा
सीबीएसई से 10वीं की परीक्षा पास करने वाले छात्र राजेश कुमार का कहना है कि वर्तमान में लॉकडाउन लागू है। ऐसे में राजधानी से बाहर जाना सुरक्षित नहीं है। शुरू में कोटा जाने की तैयारी थी, लेकिन वर्तमान स्थिति में कोटा जाना संभव नहीं है। इसके अलावा निजी विद्यालय भी फिलहाल बंद हैं। ऑनलाइन शिक्षा ही सभी जगह चल रही है। चाहे प्राइवेट स्कूल हो या सरकारी । ऐसे में बेहतर है कि राजधानी के किसी सरकारी स्कूल में नामांकन लेकर, इंजीनियरिग की कोचिंग की जाए। कोचिंग के शिक्षक भी ऑनलाइन ही पढ़ा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सत्यम कुमार का कहना है कि हाल के वर्षो में सरकारी स्कूलों में भी काफी अच्छे शिक्षकों ने योगदान दिया है। खासकर इंटर स्कूलों में। इससे इंटर स्कूल-कॉलेजों की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है।