सरकार ने किया मना पर मकान मालिक मांग रहे किराया, अब थाने पहुंचने लगा मामला
पटना लॉकडाउन की अवधि से जुड़े कमरे और दुकान के किराये से संबंधित विवाद शास्त्रीनगर कदमकुआं पाटलिपुत्र एसके पुरी समेत अन्य थानों में दर्ज हुए हैं।
पटना, जेएनएन। अनलॉक-वन के बाद राजधानी के थानों में लॉकडाउन की अवधि से जुड़े कमरे और दुकान के किराये से संबंधित विवाद आने लगे हैं। किराएदार कहते हैं कि लॉकडाउन में सरकार ने मकान मालिक को किराया लेने से मना किया था। लेकिन, वे किराये की रकम मांग रहे हैं। अभी तक शास्त्रीनगर, कदमकुआं, पाटलिपुत्र, एसके पुरी समेत अन्य थानों में इस तरह के करीब एक दर्जन मामले सामने आए हैं। वहीं, पुलिस कप्तान उपेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि उनके पास किराया माफ कराने को लेकर प्रशासन की ओर से कोई सर्कुलर जारी नहीं हुआ। ऐसी परिस्थिति में पुलिस दोनों पक्षों को बुलाकर बातें सुन लेती हैं, ताकि विवाद विकराल रूप न ले सके।
: केस 1 :
कदमकुआं थाना क्षेत्र के चूड़ी मार्केट में धीरज कुमार की कॉस्मेटिक्स और गिफ्ट की दुकान है। लॉकडाउन से पहले महीने की बिक्री चार-पांच लाख रुपये की होती थी। ढाई महीने से ज्यादा समय तक दुकान का शटर गिरा रहा। अब जब दुकान खुली है तो पहले जैसी बिक्री भी नहीं है, लेकिन मकान मालिक पूरी रकम मांग रहे। यह शिकायत जब थाने में पहुंची तो पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाया। मकान मालिक ने स्वेच्छा से आधा किराया माफ कर दिया, लेकिन उनकापरिवार इसी रकम से चलता है। इसलिए आधा किराया देने को कहा। दोनों पक्षों के पास कोई विकल्प नहीं था, इसलिए उन्होंने समझौता कर लिया।
: केस 2 :
नालंदा के बिहारशरीफ निवासी राकेश बोरिंग रोड के एक कोचिंग संस्थान में बैंक पीओ की परीक्षा की तैयारी करता है। वह पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के नेहरू नगर मोहल्ले में एक अन्य युवक के साथ रहता है। दोनों लड़के पाटलिपुत्र थाने पहुंचे और कहा कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान किराया नहीं लेने की बात कही थी। मगर हमारे मकान मालिक पूरा किराया देने को कह रहे हैं। 24 मार्च को लॉकडाउन होते ही हम बाइक से घर लौट गए थे। मकान मालिक के मोबाइल पर एसएमएस भी भेज दिया था। अनलॉक-वन लागू होने पर वे घर से वापस आए तो मकान मालिक पूरा किराया मांग रहे हैं। ताला भी खोलने नहीं दे रहे। पुलिस ने उनसे कहा कि किराया माफ करने को लेकर थाने में कोई सर्कुलर नहीं आया। छात्रों के आग्रह पर पुलिस ने मकान मालिक को बुलाया तो उन्होंने मानवीय आधार पर एक माह का किराया माफ किया और दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया।