इन सरकारी पदों को जान हैरत में पड़ जाएंगे आप, अब नहीं रहेंगे पानी पांडेय व मशालची
बिहार में अंग्रेजों के जमाने से कई ऐसे सरकारी पद चले आ रहे थे, जिनके नाम जान आप हैरत में पड़ जाएंगे। 'पानी पांडेय' ऐसा ही एक पद था। ऐसे अजब-गजब पदों को जानिए इस खबर में।
पटना [रमण शुक्ला]। राज्य के नगर निकायों में अंग्रेज के जमाने से चले आ रहे कई रोचक नाम वाले पद समाप्त हो गए है। नाम भी ऐसे, जिन्हें जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। सरकार ने नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों के पानी पांडेय, मशालची और गाड़ीवान जैसे अनेक पदों को अनुपयोगी और अप्रासंगिक घोषित कर दिया है।
नगर निकायों में वर्षों पहले ही कई पद अस्तित्वहीन हो गए थे, लेकिन इन्हें समाप्त करने पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका था। अब कैबिनेट के माध्यम से सरकार ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अनुपयोगी पदों पर कार्यरत कर्मियों के पद सेवानिवृत्ति के बाद समाप्त हो जाएंगे।
दरअसल, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रस्ताव पर सरकार ने कैबिनेट की बैठक में नगर निकायों के जिन पदों का पुनर्गठन किया है उनमें समूह 'ग' और 'घ' के कई पद शामिल हैं। हालांकि, शासन ने नगर निकायों को सशक्त स्थाई समिति की बैठक के माध्यम से समूह श्रेणी के कुछ पदों पर भर्ती की छूट भी दी है।
नगर निकायों में पुराने समय के अनुसार पदों का सृजन किया गया था। मगर अब इन पदों की कोई जरूरत नहीं रह गई है। कई ऐसे पद भी हैं जिनपर लंबे समय से तैनाती भी नहीं की गई है। इसलिए नगर निकाय और सरकार चाहती थी कि ऐसे पदों को खत्म किया जाए।
कौन-कौन पद हुए समाप्त
- पानी पांडेय
- मशालची
- बद्ध गृह निरीक्षक
- ड्रेन कुली
- सुई वेधक
- इंसुलेटर
- कीट रोधक
- दफ्तरी
- प्रारूपक
- गाड़ीवान
- पुस्तकालय अध्यक्ष
- चापाकल मिस्त्री, बढ़ई
- माली
- चौकीदार
- रात्रि प्रहरी
- गोदाम कुली
(नोट: इनके अलावा और भी कई पद खत्म किए गए हैं।)