तूल पकड़ा गोपालगंज ट्रिपल मर्डर केस: कुशवाहा को प्रशासन ने रास्ते में रोका, डीजीपी हुए फेसबुक लाइव
बिहार में गोपालगंज ट्रिपल मर्डर केस तूल पकड़ता जा रहा है। बुधवार को रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को प्रशासन ने रास्ते में रोका तो डीजीपी हुए फेसबुक लाइव। जानें पूरा मामला।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में गोपालगंज ट्रिपल मर्डर केस तूल पकड़ता जा रहा है। बुधवार को इसे लेकर रस्साकसी चलती रही। बिहार के सियासी गलियारे से लेकर प्रशासनिक महकमे तक में हलचल मचा रहा। बुधवार को गोपालगंज जा रहे रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को प्रशासन ने रास्ते में रोका तो आज ही डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय फेसबुक लाइव होकर अपनी सफाई दी। बता दें कि पिछले पखवारे में तेजस्वी अपने राजद विधायकों के साथ गोपालगंज जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें भी रोक दिया गया था।
उपेंद्र कुशवाहा ने लगाए आरोप
इधर, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा बुधवार को गोपालगंज में हुई तिहरे हत्याकांड के पीडितों से मिलने पहुंचे, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने उन्हें पीडितों से मिलने से रोक दिया। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता अभिषेक झा ने बताया कि उपेंद्र कुशवाहा को जिस तरीके से प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर पीडि़तों से नहीं मिलने दिया वह सरकार की मंशा दर्शाता है।
उपेंद्र कुशवाहा ने स्थानीय थाना प्रभारी और एसडीओ से कहा कि यह कोई राजनीतिक गतिविधि नहीं है इसलिए उन्हेंं कहीं भी जाने से रोका नहीं जा सकता, लेकिन वहां मौजूद अधिकारियों ने कहा कि जिलाधिकारी ने किसी को भी पीडि़त परिवार के घर की ओर जाने की अनुमति नहीं दी है। कुशवाहा ने कहा कि यह बात समझ से परे है कि वर्तमान लॉक डाउन की स्थिति में किसी को सड़क पर चलने की मनाही नहीं है तो फिर उन्हेंं पीडि़त लोगों से मिलने क्यों नहीं दिया जा रहा है। कहीं न कहीं यह सरकार की मंशा को उजागर करता है कि सरकार नहीं चाहती है कि विपक्ष के लोग पीडि़त लोगों से मिल पाए। यह सरकार का बेहद नकारात्मक रवैया है और सरकार चाहती है कि कैसे भी विपक्ष की आवाज को दबा दिया जाए।
जात-पात के नाम पर नहीं दिया किसी को संरक्षण : डीजीपी
गोपालगंज हत्याकांड को लेकर प्रदेश की गरमाई राजनीति के बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय फेसबुक लाइव पर आए और सफाई दी। उन्होंने कहा, आज तक जात-पात के नाम पर किसी भी अपराधी को संरक्षण नहीं दिया। यदि यह बात कोई साबित कर देगा तो वे नौकरी छोड़ देंगे। फेसबुक लाइव में डीजीपी पांडेय गोपालगंज कांड को लेकर जारी राजनीति से काफी आहत नजर आए। उन्होंने कहा कि उन्हें पुलिस सेवा में आए तकरीबन 35 साल हो गए। वे कम से कम दस जिलों में एसपी और 20 जिलों में आइजी-डीआइजी रहे। उनके कार्यकाल के लंबे इतिहास में किसी भी वक्त उन पर जात-पात या संप्रदाय के नाम पर भेदभाव करने का कोई आरोप कहीं नहीं लगा।
डीजीपी ने कहा कि अपने सेवाकाल में वे लालू प्रसाद, उसके बाद राबड़ी देवी तक के मुख्यमंत्रित्व काल में काम कर चुके हैं। आज वे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ काम कर रहे हैं। राज्य की कमान किसी के हाथ में रही हो उन्होंने हमेशा पूरी ईमानदारी, निष्ठा के साथ अपना काम किया। कई ऐसे मौके भी आए जब उनकी जान तक जोखिम में आई परन्तु उन्होंने जान का खतरा उठाकर सांप्रदायिक झगड़ों का निपटारा तक कराया। उन्होंने कहा कि अपने सेवाकाल में उन्होंने कई चुनाव कराए हैं, परन्तु आज तक उन पर किसी पार्टी विशेष को मदद पहुंचाने या जात-जमात को मदद करने का भी कोई आरोप नहीं लगा सका।
बेहद दुखी मन से डीजीपी ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे कुछ लोगों को गलत जानकारी देकर बरगलाने के प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सतीश पांडेय निश्चित तौर पर अपराधी है। सतीश पांडेय के खिलाफ अब तक 45 केस दर्ज हुए हैं जिसमें चोरी से लेकर हत्या तक के गंभीर मामले हैं। वहीं मुकेश पांडेय पर भी कई केस हैं लेकिन विधायक पप्पू पांडेय पर अब तक कोई आपराधिक मामला नहीं है। पुलिस गोपालगंज मामले का अनुसंधान कर रही है।
उन्होंने कहा कि गोपालगंज ट्रिपल मर्डर केस में तो तीन लोगों की हत्या तो हुई ही इसके एक दिन बाद भी एक दूसरे मामले में दो लोगों की हत्या कर दी गयी। जांच में यह घटना प्रतिशोध में की गई, ऐसी बात सामने आ रही है। ट्रिपल मर्डर कांड में जहां पीडि़त पक्ष जयप्रकाश चौधरी की तरफ से सतीश पांडेय, मुकेश पांडेय और विधायक पप्पू पांडेय पर केस किया गया तो वहीं इसके विपरीत दूसरे मामले में जिसमें सतीश पांडेय के आदमी मारे गये उसमें जयप्रकाश चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। डीजीपी ने कहा इन दोनों पक्षों को लेकर पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा, अपराधी कोई भी हो उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।