बिहार के किसानों के लिए अच्छी खबर, सरकार डेढ़ लाख कृषकों को देगी क्रेडिट कार्ड
बिहार के किसानों के लिए अच्छी खबर है। सहकारिता विभाग की तरफ से सब्जी उत्पादक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का भी लाभ दिया जा रहा है। विभाग ने डेढ़ लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड देने का लक्ष्य रखा है।
पटना, राज्य ब्यूरो । बिहार के सब्जी उत्पादक किसानों को सही लाभ मुहैया कराने के लिए अब तक वेजफेड की समितियों से 32,457 किसान जोड़े जा चुके हैं। सहकारिता विभाग की यह पहल सब्जी उत्पादक किसानों को रास आ रही है और राज्य में नए सब्जी उत्पादक किसान वेजफेड की समितियों से जुड़ने में रुचि भी दिखा रहे हैं। विभाग ने सदस्यता अभियान आनलाइन चल रखा है। इसके लिए एप्लीकेशन (पोर्टल) पर नि:शुल्क आवेदन लिए जा रहे हैं।
थोक सब्जी विक्रेताओं को वेजफेड लाइसेंस
सहकारिता विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक थोक सब्जी विक्रेताओं को भी वेजफेड लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए भी एप्लीकेशन लांच किया जा रहा है। हर किसान तक अपनी पहुंच बनाने के लिए सहकारिता विभाग की इस संस्था द्वारा किसानों का सर्वे कराया गया है। अब सभी किसानों को सदस्य बनाने के लिए सदस्यता अभियान पर जोर दिया जा रहा है।
पैक्सों की तर्ज पर सदस्यता
सहकारिता विभाग की संस्था वेजफेड पैक्सों की तर्ज पर पर ही सदस्यता की पूरी प्रक्रिया अपनाया है। किसानों से आनलाइन आवेदन लिया जा रहा है।आवेदन में सब्जी की खेती की पूरी जानकारी एवं खेत का रकबा की जानकारी देना अनिवार्य है। यह घोषणा पत्र भी देना होता है कि वह अपनी खेत के मालिक हैं या बटाईदार हैं। आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने पर वेजफेड के अधिकारी आवेदनों की स्थलीय जांच करते हैं। उसके बाद सदस्य बनाया जाता है।
डेढ़ लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ
सब्जी उत्पादक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का भी लाभ दिया जा रहा है। 25 हजार से ज्यादा किसान लाभ उठा चुके हैं। डेढ़ लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ देने का लक्ष्य है। सब्जी उत्पादकों की पूंजी की समस्या दूर करने के लिए राज्य के सहकारी बैंकों से लिंक किया जा रहा है। इसके अलावा सभी प्रखंडों में सब्जी मंडी बनाया जा रहा है। पटना, नालंदा, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, भोजपुर, बक्सर, छपरा, गोपालगंज एवं सिवान में समितियां कार्य करने लगी हैं। इसका विस्तार शेष अन्य जिलों में भी किया जा रहा है।