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बिहार के इन विभागों के लिए अच्छी खबर, अब टेबल पर नहीं अटकेगा बिल; सुस्ती भी तुरंत जाएगी पकड़

अधिक समय लगते ही कंट्रोल रूम से पूछा जाएगा-बिल पास करने में देर क्यों हो रही है। इसी तरह कोई एजेंसी भी आधा-अधूरा काम करके बकाए के भुगतान का दावा नहीं कर पाएगी। यह सब नई प्रणाली से संभव हो पाएगा।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 03:45 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 03:45 PM (IST)
बिहार के इन विभागों के लिए अच्छी खबर, अब टेबल पर नहीं अटकेगा बिल; सुस्ती भी तुरंत जाएगी पकड़
निर्माण विभाग में काम करने वाली एजेंसियों के लिए अच्छी खबर है। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: राज्य सरकार के निर्माण विभाग में काम करने वाली एजेंसियों के लिए अच्छी खबर है। अब उनका बिल किसी बाबू के टेबल पर नहीं अटकेगा। अधिक समय लगते ही कंट्रोल रूम से पूछा जाएगा-बिल पास करने में देर क्यों हो रही है। इसी तरह कोई एजेंसी भी आधा-अधूरा काम करके बकाए के भुगतान का दावा नहीं कर पाएगी। यह सब नई प्रणाली से संभव हो पाएगा। आधारभूत संरचना एवं अन्य निर्माण कार्यों के वित्तीय मामलों पर नजर रखने के लिए राज्य सरकार नई प्रणाली विकसित कर रही है। वर्क एंड बिलिंग मैनेजमेंट सिस्टम(वामिस)। इसकी देख रेख और संचालन की जिम्मेवारी केंद्र सरकार के आईटी मंत्रालय के अधिकारी सौरभ त्रिपाठी को दी गई है। वह इसके प्रोजेक्ट मैनेजर भी हैं। ये अन्य विभाग के संबंधित अधिकारियों को इस प्रणाली के बारे में प्रशिक्षण देंगे। 

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वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ ने मंगलवार को सभी निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव को पत्र लिख कर नई प्रणाली की जानकारी दी है। यह प्रणाली अगले वित्तीय वर्ष से लागू होगी। निर्माण विभागों के बीच समन्वय के लिए पथ निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव आलोक कुमार को नोडल अधिकारी बनाया गया है। अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि सभी विभाग इस प्रणाली को अगले वित्तीय वर्ष में लागू करें। विभागों को हेल्प डेस्क बनाने के लिए 28 फरवरी तक का समय दिया गया है। 

कैसे काम करेगी प्रणाली

निर्माण विभागों में ई टेंडरिंग पहले से लागू है। लेकिन, ढेर सारे काम के लिए कागज की फाइल चलती है। खास कर बिल की फाइल ठहर-ठहर कर चलती है। अब निर्माण से जुड़ी किसी योजना के टेंडर के साथ ही उसके कार्यान्वयन के विभिन्न स्तरों का डाटा इस प्रणाली में दर्ज हो जाएगा। भुगतान के चरण भी दर्ज होंगे। निर्माण एजेंसियों से काम कराने के लिए जिम्मेवार अधिकारियों को प्रणाली में दर्ज करना होगा कि काम किस स्टेज पर पहुंचा है। मुख्यालय के सक्षम अधिकारी एक क्लिक पर योजना की अद्यतन स्थिति को देख सकेंगे। 

इन विभागों पर होगा लागू

पथ निर्माण विभाग, भवन, पर्यावरण एवं वन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, ग्रामीण कार्य विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, नगर विकास एवं आवास तथा योजना एवं विकास विभाग।


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