बिहार के शिक्षकों के लिए दो अच्छी खबरें, पीएफ और अनुदान के भुगतान को लेकर जगी उम्मीद
Good News for Teachers बिहार के शिक्षकों के लिए दो अच्छी खबरें हैं। पहली यह कि वित्त रहित स्कूलों को होली से पहले अनुदान मिल सकता है। दूसरी खबर यह है कि नियाेजित शिक्षकों को ईपीएफ भुगतान को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल हो गई है।
पटना, जागरण संवाददाता। बिहार सरकार ने वित्त रहित विद्यालयों के लिए अनुदान की स्वीकृति प्रदान कर दी है। अब उम्मीद है कि होली से पहले स्कूलों को अनुदान प्राप्त हो जाएगा। सरकार की ओर से 8 अरब 42 करोड़ रुपये अनुदान की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह जानकारी बिहार माध्यमिक शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ के संयोजक राज किशोर प्रसाद साधु ने दी है।
शिक्षकों के ईपीएफ को लेकर कोर्ट में अवमानना वाद दायर
राज्य के पंचायती राज और नगर निकायों के अंतर्गत सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों तथा पुस्तकालाध्यक्षों के ईपीएफ मामले को लेकर शिक्षा विभाग के विरुद्ध अवमानना की एक याचिका (वाद संख्या-एमजेसी-781/2021) दायर किया गया है।
60 दिनों के अंदर ईपीएफ का लाभ देने का हुआ था आदेश
याचिकाकर्ता सिद्धार्थ शंकर ने बताया कि पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय द्वारा 17 सितंबर 2019 को (सीडब्ल्यूजेसी-1906/2019) के तहत नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालाध्यक्षों को 60 दिनों के अंदर ईपीएफ का लाभ देने का आदेश दिया गया था। राज्य सरकार द्वारा न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया गया। सरकार ने शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ न देकर 31 अगस्त, 2020 तक नियुक्त शिक्षकों व पुस्तकालाध्यक्षों को 1 सितंबर, 2020 से तथा 31 अगस्त, 2020 के बाद नियुक्त शिक्षकों व पुस्तकालाध्यक्षों को उनकी नियुक्त तिथि से ईपीएफ का लाभ देने का आदेश जारी किया गया।
बिहार बोर्ड ने मांगा स्कूलों से प्रायोगिक परीक्षा का अंक पत्र
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने उन स्कूलों के प्राचार्यों से प्रायोगिक परीक्षा का अंकपत्र मांगा है, जिन्होंने अब तक बोर्ड को नहीं भेजा है। कई विद्यालयों ने अब तक अंकपत्र स्कूलों को नहीं भेजा है। बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक ने जिले के उन प्राचार्यों को पत्र लिखकर चौबीस घंटे के अंदर अंक पत्र भेजने का निर्देश दिया है।
डीपीओ ने मांगे 35 शिक्षकों के कागजात
पटना के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जिले के 35 शिक्षकों को पत्र लिखकर सभी कागजातों की मांग की है, जो अब तक कार्यालय में जमा नहीं किए हैं। नहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।