पटना, जेएनएन। राजधानी में 18 घंटे के अंदर गंगा के जल स्तर में एक सेंटीमीटर वृद्धि हुई है। अब जलस्तर 49.75 मीटर पर पहुंच गया है। इस तरह पटना में गंगा खतरे के निशान से ऊपर है। यानी 1.15 मीटर ऊपर जलस्तर पहुंच गया है। शनिवार की शाम और रविवार की सुबह बारिश से पीएमसीएच के अंदर पानी घुस गया है। मरीद खुद कोशिश कर अस्पताल से पानी निकाल रहे हैं। इसी तरह एम्स की सड़क झील में तब्दील हो गई है।
फुलवारीशरीफ से एम्स पहुंचने में दो किलोमीटर की दूरी पर आधा दर्जन जगहों पर सड़क पानी में डूब गई। आसपास के रहने वाले नवनिर्मित सड़क पर मिट्टी ईंट डालकर पानी को रोकने का प्रयास कर रहे है। इतना ही नहीं एम्स पटना के पानी का निकासी नहीं होने के कारण चार दिन पहले हुए तेज बारिश एम्स के बेसमेंट व दवा स्टोर रूम के साथ एक वार्ड में घुस गया था। जिसमें मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।दियारा के गांव पूरी तरह से घिर गए हैं। पटना शहर के घाटों के ऊपर पानी आ गया है। वहीं गंगा रिवर फ्रंट एवं गंगा चैनल में गंगा की तेज धारा आ गई है।
इधर, शनिवार को अधिकारियों की टीम दानापुर, सदर और बख्तियारपुर दियारा के गांवों का भ्रमण कर हालात का जायजा लिया। जिलाधिकारी कुमार रवि ने कहा कि जलस्तर स्थिर रहने के बाद भी प्रशासन अलर्ट है। किसी तरह की सूचना मिलते ही अधिकारी पहुंच रहे हैं। मुखिया सहित पंचायत प्रतिनिधि सीधे संपर्क में हैं। एसडीआरएफ के जवान गांधीघाट, गायघाट और पाटीपुल घाट से गंगा में गश्त कर रहे हैं। जबकि जिला प्रशासन की तरफ से महत्वपूर्ण घाटों पर तैनात दंडाधिकारी, पुलिस अधिकारी महिला-पुरुष बल के साथ लोगों को गंगा किनारे जाने से शनिवार को रोकते रहे।
इन्हें सुरक्षा के दृष्टिकोण से तैनात किया गया है। जल संसाधन विभाग के अधिकारी 24 घंटे गंगा पर नजर रख रहे हैं। दो कार्यपालक अभियंता, पांच सहायक अभियंता और 24 कनीय अभियंताओं की तैनाती की गयी है। गांधी घाट पर जलस्तर 49.74 मीटर पहुंच गया है। जबकि 48.60 मीटर पर खतरे का निशान है।
हर मोर्चे पर प्रशासन अलर्ट
जिलाधिकारी कुुमार रवि ने कहा कि अभी राहत पहुंचाने जैसी स्थिति नहीं है। कोई गांव बाढ़ से नहीं डूबा है। हर मोर्चे पर प्रशासन अलर्ट है। किसी भी तरह की भीषण परिस्थिति से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। शरण स्थल से लेकर लोगों को बाढ़ से निकालने की तैयारी है।
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