अगले वर्ष से पीयू में एमए के टॉपरों को मिलेगा सोने का मेडल
उच्च शिक्षा केवल नौकरी के लिए ही नहीं होती।
पटना । उच्च शिक्षा केवल नौकरी के लिए ही नहीं होती, बल्कि इससे मनुष्य में संवेदनशीलता और नैतिकता का भी विकास होता है। उक्त बातें राज्यपाल फागू चौहान ने कहीं। मौका था पटना विश्वविद्यालय के 103वें स्थापना दिवस का। कार्यक्रम का आयोजन ह्वीलर सीनेट हाउस में किया गया था। स्थापना दिवस के मौके पर 41 स्नातक टॉपरों को गोल्ड मेडल भी दिया गया।
इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई। इसके बाद कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल फागू चौहान, पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रासबिहारी प्रसाद, प्रति कुलपति प्रो. डॉली सिन्हा, कुलसचिव कर्नल मनोज मिश्रा, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने दीप प्रज्वलन किया।
राज्यपाल ने कहा कि इस ऊर्जावान धरती को आगे बढ़ाने में पटना विश्वविद्यालय की बहुत बड़ी भूमिका रही है। 21वीं सदी के तकनीकी दौर में यह विश्वविद्यालय नामांकन से लेकर सर्टिफिकेट वितरण के सभी कार्यो को डिजिटल रूप में ही करने के लिए प्रयासरत है। कौशल विकास के क्षेत्र में यह विश्वविद्यालय सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से छात्रों को स्वरोजगार दिलाने की दिशा में दिन-रात काम कर रहा है। विश्वविद्यालय का शैक्षणिक कैलेंडर पूर्णत: समय पर है। पटना विश्वविद्यालय राज्य में महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रासबिहारी प्रसाद ने कहा कि जब मैने स्नातक किया था उस समय पटना विश्वविद्यालय में स्नातक में गोल्ड मेडल नहीं दिया जाता था। अगर दिया जाता होता तो गोल्ड मेडल मुझे भी मिल गया होता। मेडल प्राप्त करने वाले छात्रों के अभिभावकों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं जिनके सहयोग से उनके बच्चों ने यह उपलब्धि हासिल की। जिन्हें गोल्ड मेडल नहीं मिला है वो निराश ना हों, आने वाले समय में उनके पास और मौके होंगे। एक साल के अंदर पुनर्मूल्यांकन के लिए खुद को तैयार करेंगे। नैक में अच्छे मूल्यांकन से विश्वविद्यालय की पहचान बनेगी। हमारा गौरवशाली अतीत फिर से जीवित हो। हम सिर्फ अपनी विरासत का ढोल नहीं बजाना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों में एमए के टॉपर को शुद्ध सोने से बने स्वर्णपदक दिए जाएंगे। अगर कोई अपने परिवार के नाम पर मेडल देना चाहता है तो वो विश्वविद्यालय के फंड में 4 लाख रुपया जमा कर सकते हैं। विश्वविद्यालय इस वर्ष विकास की अवधारणा तथा पर्यावरण चेतना को लेकर अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित करेगा। कदाचारमुक्त परीक्षा के लिए सभी परीक्षा हॉल में सीसीटीवी कैमरे लगवाएं जायेंगे। स्वागत भाषण प्रतिकुलपति प्रो. डॉली सिन्हा तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल मनोज मिश्रा ने दिया। इस मौके पर राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, छात्र-छात्राएं समेत कई अभिभावक उपस्थित थे।
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: बातचीत :
पटना वीमेंस कॉलेज से मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर कर रही हूं। आगे जेआरएफ निकालने की तैयारी है।
- आकांक्षा भारती, मनोविज्ञान टॉपर, पटना वीमेंस कॉलेज
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बीएचयू से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर कर रहे हैं। आगे यूपीएससी की तैयारी करना चाहती हूं। गोल्ड मेडल पाकर खुश हूं।
- अनुपमा कुमारी, अर्थशास्त्र टॉपर, पटना वीमेंस कॉलेज
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दिल्ली युनिवर्सिटी से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातकोत्तर कर रही हूं। भविष्य में एंकर बनना चाहती हूं।
- कात्यायनी मिश्रा, बीजेएमसी टॉपर, पटना वीमेंस कॉलेज
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कोलकाता से एमबीए कर रही हूं। इसके बाद मैं खुद का व्यवसाय करना चाहती हूं। गोल्ड मेडल मेरी मेहनत का फल है।
सृष्टि प्रिया, विज्ञापन और मार्केटिंग विभाग टॉपर, पटना वीमेंस कॉलेज
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