दिल्ली में लगा लॉकडाउन तो पेट भरना हुआ मुश्किल, पैसा जोड़ खरीदा ठेला; आ गए बेगूसराय
बेगूसराय के कामगार जो दिल्ली मुंबई आदि महानगरों में रोजी-रोटी कमाते हैं उनका रोजगार वहां कोरोना की लहर में लॉकडाउन लगने से छिन गया है। सोमवार को दिल्ली से ठेले पर सवार होकर चार लोग छौड़ाही प्रखंड के राजोपुर गांव स्थित अपने घर पहुंच और दर्द भरी दास्तां सुनाई।
संवाद सहयोगी, छौड़ाही (बेगूसराय): बेगूसराय के छौड़ाही और आसपास के कामगार जो दिल्ली, मुंबई आदि महानगरों में रोजी-रोटी कमाते हैं, उनका रोजगार कोरोना की लहर में लॉकडाउन लगने से छिन गया है। स्थिति यह है कि आधा पेट भोजन पर भी आफत आ गई है। सोमवार को दिल्ली से ठेले पर सवार होकर चार लोग छौड़ाही प्रखंड के राजोपुर गांव स्थित अपने घर पहुंचे और दर्द भरी दास्तां सुनाई।
छिना रोजगार तो भोजन पर आई आफत
राजोपुर निवासी रंजीत कुमार, सौरभ कुमार, अरविंद यादव, रंजीत यादव दिल्ली के उत्तम नगर इलाके की बेलदारी और राशन दुकान पर काम करते थे। उन्होंने बताया कि दिल्ली में लॉकडाउन लगने के बाद मालिक ने काम से निकाल दिया। पैसे खत्म हो गए तो दिन में एक बार आधा पेट भोजन करके गुजारा कर रहे थे। सरकार एवं वहां के प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली। घर आने के लिए ट्रेन का टिकट नहीं मिला। दलाल ट्रेन से यात्रा के लिए पांच से आठ हजार रुपये प्रति व्यक्ति मांगने लगे। बस वाले भी सात हजार रुपये एक आदमी का किराया मांग रहे थे। हम लोगों के पास खाने के पैसे नहीं थे तो किराया कहां से देते। तब चारों लोगों ने मिलकर गांव से पांच हजार रुपये खाते में मंगवाए और पुराना ठेला खरीदकर उस पर समान लादा और घर के लिए चल दिए।
चूड़ा और दालमोट खाकर सात दिनों में पहुंचे घर
दिल्ली से लखनऊ के रास्ते हाइवे से घर लौटने के दौरान शहर या गांव में पुलिस और स्थानीय लोग रुकने नहीं दे रहे थे। हाईवे किनारे सुनसान जगह देखकर डेरा डालते थे। दिल्ली से चूड़ा, चीनी दालमोट लेकर चले थे, यही खाकर बारी-बारी से ठेला चलाते हुए चारों व्यक्ति सात दिनों में छौड़ाही पहुंचे।
नहीं हुई कोरोना जांच, अब होम क्वारंटाइन
चारों व्यक्तियों ने बताया कि दिल्ली में कोरोना की भयावह स्थिति है। अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है। छौड़ाही आने तक में कहीं भी उन लोगों का कोरोना टेस्ट नहीं हुआ। छौड़ाही पीएचसी पहुंचे तो वहां कहा गया कि जांच किट कई दिनों से उपलब्ध नहीं है। दूसरे दिन आना। इसीलिए हम लोग घर आ गए। चारों अब होम क्वारंटाइन हैं। उन्होंने बताया कि अब कोरोना का संक्रमण खत्म होगा तभी दिल्ली जाएंगे। चारों के स्वजन भी उनके घर लौट आने से काफी प्रसन्न हैं।