Move to Jagran APP

पटना में पुलिसकर्मियों का बवाल, यूपी के पूर्व डीजीपी बोले-कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए

महिला पुलिस की मौत से आक्रोशित पुलिसकर्मियों ने पटना पुलिस लाइन में जमकर उत्पात मचाया है। यूपी के पूर्व डीजीपी ने कड़ी शब्दों में निंदा की है और कहा है कि देश के लिए गलत संदेश है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 01:20 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 02:25 PM (IST)
पटना में पुलिसकर्मियों का बवाल,  यूपी के पूर्व डीजीपी बोले-कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए
पटना में पुलिसकर्मियों का बवाल, यूपी के पूर्व डीजीपी बोले-कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए

पटना [जेएनएन]। अस्पताल में इलाज के दौरान महिला सिपाही की मौत के बाद पटना पुलिस लाइन में शुक्रवार को सिपाहियों का विद्रोह खुलकर देखने को मिला है। आक्रोशित सिपाहियों ने दर्जनों गाड़ियों में तोड़फोड़ की और कई राउंड गोलियां भी चलाई गईं। हंगामे के दौरान एसपी सिटी की पिटाई भी गई है। हंगामे के दौरान सार्जेंट मेजर सह डीएसपी मसलाउद्दीन, एसपी सिटी और एसपी ग्रामीण को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया है।

loksabha election banner

पटना में सिपाहियों के इस विद्रोह की यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा है कि पटना की यह घटना देश भर की पुलिस के लिए एक गलत संदेश है। उन्होंने कहा कि सिपाहियों के इस विरोध पर बिहार पुलिस के अधिकारियों को कड़ा एक्शन लेना चाहिए, जिससे एक नजीर पेश हो।

उन्होंने कहा कि दोषी सिपाहियों को चिन्हित कर कठोरतम कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि इसमें बड़े अधिकारियों की भी लापरवाही है। क्योंकि ऐसी नौबत  आनी ही नहीं चाहिए।

विक्रम सिंह ने कहा कि जहां तक छुट्टी का सवाल है उसके लिए बड़े अधिकारियों को एक बेहतर माहौल बनाना चाहिए। अधिकारियों के लिए सिपाही उनके बच्चे की तरह होते हैं। लेकिन, यह बात भी है कि पुलिस फोर्स के नियमावली के तहत लिखा हुआ है कि छुट्टी किसी का मौलिक अधिकार नहीं हो सकता।

एक बार में 10 प्रतिशत लोगों को ही छुट्टी दी जा सकती है। अब इसमें कैसे सामंजस्य बैठाना है यह अधिकारियों का काम है। आज की घटना में बड़े अधिकारियों की भी गलती उजागर हो रही है। इस विद्रोह को नजीर के साथ शांत किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि 1990 के दौरान कानपुर में होमगार्ड के जवानों ने विद्रोह किया था। जिससे पुलिस ने सख्ती से निपटा था। उसके बाद से आज तक कोई विद्रोह नहीं हुआ और अब ये घटना सामने आई है। 

गौरतलब है कि पुलिस लाइन में तैनात एक महिला सिपाही काफी दिनों से बीमार थी। वह काफी समय से छुट्टी मांग रही थी, लेकिन उसे छुट्टी नहीं मिल रही थी। जब उसका स्वास्थ्य अधिक खराब हो गया तो उसे पटना के एक निजी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया। शुक्रवार को इलाज के दौरान महिला सिपाही की मौत हो गई।

इस घटना से नाराज पुलिस  कर्मियों ने हंगामा कर दिया। सिपाहियों ने पुलिस लाइन में खड़ी दर्जनों गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी और कई राउंड गोलियां चलाईं। हंगामे के दौरान सार्जेंट मेजर सह डीएसपी मसलाउद्दीन, एसपी सिटी और एसपी ग्रामीण को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.