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बक्सर में पूर्व सरपंच की घर के दरवाजे पर गोली मारकर हत्या, बाइक सवार अपराधियों ने ली जान

बक्सर में मंगलवार की सुबह बड़ी वारदात हुई। नया भोजपुर ओपी के प्रतापसागर में पूर्व सरपंच जगदीश यादव की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। घटना सुबह तब हुई जब वह अपने घर के बाहर बैठे हुए थे।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 10:10 AM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2020 10:10 AM (IST)
बक्सर में पूर्व सरपंच की घर के दरवाजे पर गोली मारकर हत्या, बाइक सवार अपराधियों ने ली जान
बक्सर में पूर्व सरपंच की हत्या के बाद हंगामा होने पर तैनात पुलिस।

बक्सर, जेएनएन। जिले में मंगलवार को डुमरांव थानाक्षेत्र अंतर्गत नया भोजपुर ओपी के प्रतापसागर में पूर्व सरपंच की गोली मार दी गई। घटना के समय पूर्व सरपंच अपने घर के दरवाजे पर बैठे थे, तभी बाइक सवार तीन अपराधियों ने उन्हें करीब से सिर में गोली मारी और बक्सर की ओर भाग निकले। आनन-फानन में स्वजनों द्वारा जख्मी पूर्व सरपंच को सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान चिलहरी पंचायत के पूर्व सरपंच जगदीश यादव (60) के रूप में हुई है। घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने प्रतापसागर में एनएच-84 जाम कर दिया।

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मिली जानकारी के अनुसार घटना के समय चिलहरी पंचायत के पूर्व सरपंच जगदीश यादव प्रतापसगर में एनएच-84 पर स्थित अपने आवास के बाहर बैठेकर अखबार पढ़ रहे थे। सुबह करीब नौ बजे बाइक सवार तीन अपराधी आए और उनके सिर में पिस्टल सटाकर एक के बाद एक दो गोलियां दाग मार दीं। फायरिंग की आवाज सुनकर जबतक लोग दौड़कर वहां पहुंचे कि बदमाश हवा में पिस्टल लहराते बक्सर की ओर फरार हो गए। सिर में गोली लगने से गम्भीर रूप से जख्मी जगदीश यादव को तत्काल सदर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वारदात की सूचना मिलते ही डुमरांव अनुमंडल पुलिस घटनास्थल पर पहुंच अपराधियों की खोजबीन में जुट गई है। 

पूर्व विवाद में वारदात को दिया गया अंजाम!

बताया जाता है कि 2015 में गांव के ही अजीत यादव के साथ बच्चों के विवाद में जमकर मारपीट हुई थी। जिसमें दोनों पक्ष से एक दर्जन लोग जख्मी हुए थे। तब मारपीट के दौरान हावी हो रहे अजीत यादव को मृतक जगदीश यादव के भाई उपेंद्र यादव ने गोली मार दी थी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी। उक्त घटना में उपेंद्र यादव जेल में सजा काट रहे हैं, जबकि आरोपित जगदीश यादव जमानत पर छूट गए थे। तब से दोनों पक्ष एक दूसरे के जानी दुश्मन बने हुए थे। हालांकि, इस बीच दो बेटों और दो बेटियों के पिता जगदीश यादव की आर्थिक दशा खराब चल रही थी, जबकि उनके दोनों बेटे निजी फाइनेंस बैंक में काम करने लगे थे। घटना को लेकर स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है, वहीं परिवार का रोते-रोते बुरा हाल है। पत्नी बार-बार अचेत हो जा रही हैं।


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