बिहार: आखिर जेल जाने से बचे पूर्व IAS केपी रमैया, लेकिन देना होगा इस्तीफा, जानें मामला
पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अदालत में पूर्व आइएएस एवं बिहार लैंड ट्रिब्यूनल के सदस्य केपी रमैया को मंगलवार को पेश किया गया। पटना हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी।
पटना, राज्य ब्यूरो। पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अदालत में पूर्व आइएएस एवं बिहार लैंड ट्रिब्यूनल के सदस्य केपी रमैया को मंगलवार को पेश किया गया। अदालत की अवमानना के एक मामले में आइजी प्रशासन की अभिरक्षा में उन्हें कोर्ट में लाया गया। वे कोर्ट नोटिस के बाद भी अदालत आने से कतरा रहे थे। जिस पर मुख्य न्यायाधीश एपी शाही की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने उन्हें कड़ी चेतावनी दी थी।
अदालत में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल एवं कोर्ट सार्जेंट उपस्थित थे, ताकि जरूरत पडऩे पर उन्हें सीधे जेल भेजा जा सके। हालांकि उनके हाजिर होने के बाद उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया। अब उन्हें दो मई को फिर कोर्ट में हाजिर होना होगा।
गौरतलब है कि एकलपीठ के एक आदेश को चुनौती देने को लेकर पूर्व आइएएस रमैया फंस गए थे। वरीय अधिवक्ता वाईवी गिरि ने बताया कि एकलपीठ ने बीएलटी के सदस्य के रूप में पारित फैसले को लेकर खिन्नता जाहिर की थी। एकलपीठ ने मुख्य सचिव से ऐसे सदस्य को पद पर बनाये रखने पर आपत्ति जाहिर की थी। उस फैसले को दो सदस्यीय खंडपीठ में चुनौती दी गयी। जिस पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने उन्हें कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था, लेकिन रमैया कोर्ट आने से कतराते रहे।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता गिरि ने जानकारी दी कि महादलित आयोग में घोटाले को लेकर उन पर विजिलेंस ने आरोप पत्र दायर कर दिया है। वे अब उक्त पद से इस्तीफा दे देंगे। इस पर खंडपीठ ने उन्हें हलफनामा दायर कर अदालत को जानकारी देने को कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा राज्य सरकार को सौंप दिया है। रमैया को यह भी सलाह दी गयी कि हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एसएलपी को वे सुप्रीम कोर्ट से वापस ले लें। इस मामले पर अब फिर से दो मई को सुनवाई होगी।