पूर्व बीपीएससी सदस्य को अग्रिम जमानत देने से इन्कार
पूर्व बीपीएससी सदस्य को अग्रिम जमानत देने से इन्कार।
पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा में रुपये लेकर अधिक नंबर दिलाने का वादा करने के मामले में विजिलेंस की विशेष अदालत ने शनिवार को आयोग के तत्कालीन सदस्य राम किशोर सिंह को अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया। अदालत ने आरोपित सदस्य का अग्रिम जमानत आवेदन खारिज कर दिया। आरोपित राम किशोर सिंह मूल रूप से अरवल जिले के मेहंदिया थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव का निवासी है। वर्तमान में वह दानापुर थाना क्षेत्र के कैलाशपति मिश्रा पथ में रहता है। जमानत आवेदन का विरोध विजिलेंस के कनीय विशेष लोक अभियोजक आनंदी सिंह ने किया।
लोक अभियोजक ने अपनी दलील में अदालत को बताया कि विजिलेंस को 9 अप्रैल 2018 को गुप्त सूचना मिली थी कि आरोपित सदस्य बीपीएससी द्वारा 56वीं से 59वीं बैच की ली गई लिखित परीक्षा में सफल कई उम्मीदवारों से साक्षात्कार में अधिक अंक दिलाने और डीएसपी बनाने के वादा के साथ प्रत्येक अभ्यर्थी से 25-25 लाख रुपया लिया।
इस कार्य में सदस्य के सहयोगी परमेश्वर राय मदद कर रहा है। सूचना मिलने के बाद डीएसपी गोपाल पासवान ने सत्यापन किया और सूचना को सही पाया। विजिलेंस ने दोनों के पीछे अपना गुप्तचर लगाया। गुप्तचर अभ्यर्थी बनकर सदस्य के सरकारी आवास पर मई 2018 में दो बार मिला। सदस्य से मिलाने वाला परमेश्वर था। गुप्तचर 25 लाख रुपया देने को तैयार हो गया। 24 लाख रुपये आरोपित सदस्य सिंह के लिए तथा एक लाख रुपये परमेश्वर के लिए। गुप्तचर ने सदस्य के साथ हुई बातचीत को टेप कर लिया। टेप को चंडीगढ़ एफएसएल जांच के लिए भेजा गया। जांच में पाया गया कि बातचीत की आवाज सदस्य सिंह एवं परमेश्वर की ही है।
विजिलेंस ने मामले में 13 सितंबर, 2019 को दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आरोपित सदस्य प्राथमिकी को रद कराने के लिए पटना हाईकोर्ट गया। हाईकोर्ट ने प्राथमिकी को रद करने से इन्कार करते हुए आरोपित सदस्य की याचिका को खारिज कर दिया है। अभी इस मामले में अनुसंधान जारी है।