उत्तर बिहार में रेलवे ट्रैक पर बाढ़ का खतरा
नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार भारी बारिश ने पूर्व मध्य रेल की परेशानियां बढ़ा दी है
पटना। नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार भारी बारिश ने पूर्व मध्य रेल की परेशानियां बढ़ा दी हैं। नेपाल की ओर से छोड़े गए साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी के कारण धमारा घाट व आसपास के स्टेशनों व रेलवे ट्रैक पर पानी का दबाव बढ़ने लगा है। सहरसा-मानसी रेलखंड पर ट्रेन परिचालन पर संकट मंडराने लगा है। बूढ़ी गंडक नदी उफान पर है। सहरसा-मानसी रेलखंड का धमाराघाट स्टेशन बाढ़ के पानी से घिर गया है। हालांकि अभी रेलवे ट्रैक के लेबल से बाढ़ का पानी नीचे है। परंतु स्थिति यही रही तो रेलवे ट्रैक पर भी पानी चढ़ने में अधिक समय नहीं लगेगा। समस्तीपुर रेल मंडल के पुलों व पुलियों पर नजर रखी जा रही है।
वहीं दूसरी ओर, दरभंगा, सीतामढ़ी के बीच कमतौल के पास भी बाढ़ का खतरा बरकरार है। सीतामढ़ी से रक्सौल के बीच बरगैनिया के पास व दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड में भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है। पूर्व मध्य रेल के वरीय अधिकारी पूरी स्थिति पर नजर गड़ाए हैं। पूर्व मध्य रेल प्रबंधन की ओर से समस्तीपुर हायाघाट व सहरसा-मानसी रेल खंड पर गश्ती बढ़ा दी गई है। आपात स्थिति में तत्काल रेल परिचालन को बंद किया जा सकता है।
पूर्व मध्य रेल के मुख्य जन संपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि सभी मंडलों में कुल 19 हजार घनमीटर स्टोन बोल्डर ट्रैक के निकट रखा जा रहा है। इसके अलावा स्टोन बोल्डर के 150 वैगन भी तैयार रखे गए हैं। इसके अलावा 27 हजार घनमीटर स्टोन डस्ट रिजर्व में रखे गए हैं। 190 वैगन बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लिए उपलब्ध कराया गया है। रेलवे ट्रैक को बाढ़ के पानी से बचाया जा सके, इसके लिए लगभग 01 लाख 25 हजार सीमेंट की खाली बोरियां रखी जा रही हैं, ताकि अगर जरूरत पड़े तो इसमें स्टोन डस्ट/बालू भरकर ट्रैक के बगल में रखकर ट्रैक को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सके।