बिहार में बाढ का खतरा : नदियों में उफान जारी, निचले इलाकों में स्थिति बिगड़ी
बिहार के कोसी और सीमांचल क्षेत्र में नदियों मे उफान की वजह से बाढ की स्थिति लगातार भयंकर होती जा रही है। निचले इलाके में रहने वाले लोगों की परेशानी बहुत बढ गई है।
पटना [जागरण टीम]। नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई बारिश के कारण हर साल बाढ़ की विभीषिका झेलने वाले बिहार के निचलेे इलाकों में स्थिति बिगड़ती जा रही है। कोसी-सीमांचल और गंडक के किनारे वाले हिस्सों में परेशानी अधिक है।
बाल्मीकिनगर बराज का फाटक टेढ़ा होने के बाद पिछले 48 घंटे से लगातार गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। इससे 40 हजार से अधिक आबादी सीधे प्रभावित हुई है। चारो ओर पानी से घिरे जिले के पांच प्रखंड के 41 गांव के लोग पलायन कर रहे हैं।
कोसी सीमांचल के सैकड़ों गांव प्रभावित
कोसी सीमांचल के सैकड़ों गांवों में नदियों का पानी फैल चुका है। लोग अपने मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं। कोसी के जलस्तर में बढ़ोतरी से लोग सशंकित हैं। यद्यपि अन्य नदियों में पानी घटा है लेकिन कटाव तेज हो गया है। किशनगंज के बाढ़ प्रभावित इलाकों में माइकिंग करवा कर लोगों से सुरक्षित क्षेत्रों में जाने की अपील की गई है।
टेढ़ागाछ प्रखंड के भी दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है। नानधारा रेलवे फाटक एवं महानंदा नदी पर बने रेल पुल के बीच नदी रेल पटरी से मात्र 10 फीट की दूरी पर है। कोचाधामन प्रखंड की 12 पंचायतें भी जल प्लावित हैं।
कटिहार से गुजरने वाली महानंदा, गंगा व कोसी नदी का रौद्र रूप बरकरार है। नित्य नये इलाके में पानी का प्रवेश हो रहा है। बारसोई अनुमंडल के कई गांवों का मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है। इधर अमदाबाद क्षेत्र में गंगा का कटाव जारी है।
आजमनगर में महानंदा तटबंध में हुआ रिसाव नियंत्रित कर लिया गया है।
पूर्णिया जिले में पिछले 10 दिनों से लगातार हो रही बारिश रविवार को रुकी। बायसी अनुमंडल क्षेत्र से गुजरी परमान, महानंदा और कनकई नदी का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है।
सिसवन में खतरे के निशान से ऊपर पहुंची सरयू
सरयू नदी गंगपुर सिसवन में उफान पर है। केंद्रीय जल आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को सुबह नदी का जलस्तर गंगपुर सिसवन में खतरे का निशान से 11 सेमी. ऊपर रिकॉर्ड किया गया। रविवार की सुबह नदी का जल स्तर 60.72 रिकार्ड किया गया। बताते चलें कि शनिवार की सुबह आठ बजे नदी का जलस्तर 57.11 मीटर दर्ज किया गया। यहां खतरे का निशान 57.04 मीटर है।