बिहार में बाढ : NDRF के 900 जवान लगे राहत और बचाव कार्य में
बिहार में बाढ से प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में कोताही से जहां लोग नाराज हैं वहीं एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें पंजाब से बिहार भेजी गई हैं।
पटना [वेब डेस्क]। बिहार में नदियों में उफान लगातार जारी है, जहां गंगा का जलस्तर कल रात तक घटने के बाद वाणसागर डैम से पानी छोड़े जाने के बाद स्थिर बना हुआ है वहीं सोन नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है।
इंद्रपुरी बराज से आज फिर 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया गया है, जिससे सोन में उफान जारी है। सोनतटीय इलाके में जिला प्रशासन ने हाईअलर्ट जारी कर दिया है। नालंदा में भी बाढ का कहर जारी है। सोन का जलस्तर बाणसागर डैम से पानी छोड़े जाने के बाद और बढने की संभावना है। इन इलाकों में प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
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कहा एनडीआरएफ के डीआइजी ने-
एनडीआरएफ के डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने कहा है कि बिहार के बारह जिले बाढ़ से प्रभावित हैं और 900 एनडीइआरएफ के जवानों को बाढ़ राहत में लगाया गया है। राहत कार्य में 100 नाव और 900 लाइफ जैकेट का हो रहा है उपयोग।
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पांच अतिरिक्त एनडीआरएफ की टीमें पहुंची बिहार
इस बीच केंद्र सरकार ने एनडीआएफ की पांच अतिरिक्त टीमें बिहार में भेजी हैं जो राहत और बचाव कार्य के लिए बिहार पहुंच गई हैं। सोमवार की रात इस बात की जानकारी देते हुए एनडीआरएफ के महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि इन टीमों को पंजाब के भटिंडा से बिहार के लिए रवाना किया गया है।
बिहारशरीफ के बबुरबनना के पास पंचाने नदी पर बना डायवर्सन भी नदी की तेज धार में बह गया, जिससे नदी का पानी पूरे इलाके में फैल गया है। वहीं पटोरी में गंगा का जलस्तर स्थिर है लेकिन फिर भी खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर बताया जा रहा है।
अब नए स्थानों पर गंगा का पानी फैल रहा है। गोरगामा - मोहनपुर पथ पर 3 फीट पानी चढ गया है। सरारी - पटोरी पथ, राज बब्बर चौक- पटोरी पथ पर भी नदी का पानी बह रहा है। हजारों लोग जहां-तहां फंसे हुए हैं और राहत और बचाव का कार्य काफी धीमा चल रहा है। कई क्षेत्रों में नाव भी उपलब्ध नहीं है। लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
लोगों को है सरकार से शिकायत, नहीं मिल रही सहायता
बाढ से जनजीवन बेहाल है। वहीं सरकार की तरफ से चलाए जा रहे राहत और बचाव कार्य में देरी और समय पर सहायता नहीं मिलने के कारण बाढ के इलाके के लोगों का हंगामा भी जहां-तहां देखने को मिल रहा है।
बाढ जिले में एनटीपीसी के पास बाढ पीड़ीतों ने एनएच को जाम कर दिया और जमकर हंगामा मचाया। नवादा, ढीवर समेत चार गांव के लोगों ने किया हंगामा । ग्रामीणो का आरोप है पानी निकासी के लिये बनाये गये नहर से पानी के निकासी की व्यवस्था अबतक नही कराइ गई जिससे आसपास के गांव मे गंगा का पानी फैल गया है और हमलोग पानी से घिर गए हैं।
लोगों ने NTPC मेटेरियल गेट को लोगों ने घंटों जाम रखा और जमकर हंगामा मचाया।लोगों ने NTPC पर नहर काटने का लोगों ने आरोप लगाया है। मुंगेर के बरियारपुर में भी बाढ पीड़ितों ने सुविधा नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम चारों ओर पानी से घिरे हैं और हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं है। पानी की, खाने की समस्या है।
खगड़िया में मानसी के जालिम बाबू टोला के पास बाढ़ पीड़ितों ने NH-31 किया जाम और सरकार विरोधी नारे लगाए। नाव नहीं मिलने से बाढ़ पीड़ित नाराज थे।
राहत सामग्री नहीं मिलने के कारण समस्तीपुर के इनायत पुर के लोगों ने पटोरी-समस्तीपुर पथ को जाम कर दिया है और चंदन चौक पर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं।आक्रोशित लोग प्रखंड कार्यालय पर भी नारेबाजी कर रहे हैं और सड़कों पर जुलूस निकालकर राहत शिविर में व्यापक गडबडी का आरोप लगा रहे हैं।
पटना में डीएम ने खुद परोसा खाना और साथ मिलकर खाया
पटना के जिलाधिकारी संजय कुमार आज दोपहर बाढ राहत शिविर का जायजा लेने पहुंचे। वहां उन्होंने खुद खाने की क्वालिटी और खाने-पीने की व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने खुद लोगों को भोजन परोसा और साथ मिलकर खाना खाया। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि बाढ पीड़ितों का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए और किसी तरह की परेशानी इनलोगों को नहीं होनी चाहिए।