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Bihar Flood Update: बेगूसराय में बलान नदी का बांध टूटा, गोपालगंज में बह गईं सड़कें

Bihar Flood Update बेगूसराय में चार हजार से अधिक घरों में घुसा पानी हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद। गोपालगंज में बह गईं सड़कें। मधुबनी में भी कई एकड़ में लगा धान बर्बाद।

By Bihar News NetworkEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 05:14 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 09:53 PM (IST)
Bihar Flood Update: बेगूसराय में बलान नदी का बांध टूटा, गोपालगंज में बह गईं सड़कें
Bihar Flood Update: बेगूसराय में बलान नदी का बांध टूटा, गोपालगंज में बह गईं सड़कें

पटना, जेएनएन। Bihar Flood Update: बिहार में बेगूसराय जिले के भगवानपुर प्रखंड अंतर्गत जोकिया पंचायत स्थित तेलन ढाला के समीप बलान नदी पर बना बांध मंगलवार की सुबह टूट गया। बांध टूटने से भगवानपुर प्रखंड की जोकिया पंचायत के तेलन और टांड़ी गांव के चार हजार से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है तथा हजारों एकड़ में खड़ी फसल भी बर्बाद हो गई है। बांध टूटने की सूचना के बावजूद जिला प्रशासन की टीम काफी देर से पहुंची। तब तक 40 से 50 फीट तक की दूरी में बांध टूट चुका था। 

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स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह करीब साढ़े चार बजे तीन से चार फीट तक बांध टूटा और पानी आबादी वाले क्षेत्र एवं खेतों में प्रवेश करने लगा। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी। परंतु, सूचना के घंटों बाद तक वहां कोई अधिकारी नहीं पहुंचा।

मोहनपुर में बह गईं सड़कें, धमई नदी के बहाव में 30 घर ध्वस्त

गोपालगंज में गंडक नदी के जलस्तर में कमी आने के बाद धमई नदी उफान पर है। बरौली प्रखंड के मोहनपुर गांव में नदी का प्रकोप सबसे अधिक दिख रहा है। नदी के तेज पानी के बहाव के कारण कई स्थानों पर तेजी से कटाव प्रारंभ हो गया है, जिसके कारण मोहनपुर गांव को जोडऩे वाली कई सड़कें पानी में बह गईं हैं। वहां अबतक 30 पक्के मकान ध्वस्त हो चुके हैं। धमई नदी के प्रचंड वेग ने गांव को जोड़ने वाले मुख्य पथ पर बने पुलिया को ही बहा दिया।

 बाढ़ से बर्बाद हो गई एक हजार एकड़ की फसल

मधुबनी जिले के बेनीपट्टी अनुुमंडल के बेनीपट्टी, मधवापुर और बिस्फी प्रखंडों में बाढ़ का पानी उतरने के बाद किसान बर्बादी के निशान दिख रहे हैं। एक हजार से अधिक एकड़ में लगी धान व अन्य फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। पांच हजार से अधिक किसान प्रभावित हुए हैं। वहीं, प्रभावित क्षेत्रों में पानी जमा होने से ध्वस्त घरों को फिर से खड़ा करने के लिए मशक्कत जारी है। तीनों प्रखंडों में छह सौ से अधिक कच्चे और फूस के घर गिर गए हैं। विभाग प्रभावित क्षेत्रों में सर्वे कर रहा है।  बेहटा के रघुनाथ झा और राम मिश्र बताते हैं कि बाढ़ ने पूरी तरह फसल को बर्बाद कर दिया है। धान की फसल से कुछ भी प्राप्त नहीं होगा। बाढ़ का पानी अधिक दिन तक रह जाने के कारण फसल की क्षति हुई है। प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रहा। करहारा के देवेश यादव व यदू यादव का कहना है कि गांव में लगभग 25 से 50 फीसद कच्चे घर गिर चुके हैं। नए अनाज से उम्मीद नहीं है, पुराने भी बाढ़ की भेंट चढ़ गए।

65 फीसद धान की फसल पूरी तरह डूबी 

मधवापुर में बाढ़ के दौरान 65 फीसद धान की फसल पूरी तरह डूब गई। यहां 450 एकड़ में धान की खेती की गई थी। बीएओ शिवनाथ झा के मुताबिक इलाके में दो दर्जन खपरैल व फूस के घर ध्वस्त हुए हैं।  किसान रामवृक्ष राम बसवरिया, मनोहर यादव भौगाछी, सोने यादव बोकहा, शालीग्राम यादव बलवा सहित अन्य ने कहा कि प्रखंड में पानी उतरने के साथ घरों का गिरना जारी है। बिस्फी का भी यही हाल है, यहां के रामशोभित यादव ने कहा कि सरकार की ओर से अभी तक कुछ नहीं मिला है। इधर, बेनीपट्टी के एसडीएम मुकेश रंजन का कहना है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसल क्षति का सर्वे चल रहा है। यह आंकड़ा एक सप्ताह में प्राप्त हो सकेगा। घर गिरने का भी आंकड़ा लिया जा रहा है।


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