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फ्लोट, स्लाइड और फ्रीज दिलाएंगे अच्छे इंजीनियरिग कॉलेज व ब्रांच

आइआइटी एनआइटी व देश के नामचीन इंजीनियरिग कॉलेजों में नामांकन के लिए जोसा की वेबसाइट पर च्वाइस फिलिंग की अविध समाप्त हो गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jun 2019 07:01 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2019 07:01 PM (IST)
फ्लोट, स्लाइड और फ्रीज दिलाएंगे अच्छे इंजीनियरिग कॉलेज व ब्रांच
फ्लोट, स्लाइड और फ्रीज दिलाएंगे अच्छे इंजीनियरिग कॉलेज व ब्रांच

पटना : आइआइटी, एनआइटी व देश के नामचीन इंजीनियरिग कॉलेजों में नामांकन के लिए ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (जोसा) की वेबसाइट पर च्वाइस फिलिंग की प्रक्रिया मंगलवार को खत्म हो गई। अब छात्र-छात्राओं को अच्छे कॉलेज और ब्रांच के लिए फ्लोट, स्लाइड और फ्रीज की प्रक्रिया अपनानी होगी। आइआइटी कानपुर के पूर्व फैकल्टी प्रो. एचसी वर्मा का कहना है कि अच्छे कॉलेज और ब्रांच के लिए बेहतर रैंक के साथ-साथ छात्र-छात्राओं को फ्लोट, स्लाइड और फ्रीज की बारीकियों को भी समझना होगा। नामांकन की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन है। किसी भी स्तर पर त्रुटि नुकसानदेह होगी। किसी बिंदु पर समझ में नहीं आए तो आइआइटी व एनआइटी में बने हेल्पडेस्क की सहायता लें। जोसा की वेबसाइट (www.द्भश्रह्यड्डड्ड.ठ्ठद्बष्.द्बठ्ठ) पर दिए निर्देश को अनिवार्य रूप से पढ़ लें। जोसा ने वेबसाइट पर अभ्यर्थियों द्वारा भरे गए विकल्पों के आधार पर फ‌र्स्ट और सेकेंड मॉक सीट लिस्ट अपलोड कर दी है। अभ्यर्थी लॉग-इन कर मॉक सीट लिस्ट देख सकते हैं।

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27 को सीट अलॉटमेंट लिस्ट व 28 से काउंसिलिंग :

जोसा 27 जून को पहले राउंड के लिए सीट अलॉटमेंट लिस्ट जारी करेगा। इसके आधार पर 28 से दो जुलाई तक छात्र आवंटित संस्थानों में नामाकन कर सकेंगे। पहले राउंड में चयनित छात्र-छात्राओं को नामाकन के लिए रिपोर्टिग सेंटर पर दस्तावेजों के साथ पहुंचना होगा। आइआइटी में नामाकन के लिए आइआइटी में बने रिपोर्टिग सेंटर तथा एनआइटी, ट्रिपलआइटी व अन्य संस्थानों में नामाकन के लिए एनआइटी में बने रिपोर्टिंग सेंटरों पर रिपोर्ट करना होगा। काउंसिलिंग के दौरान जरूरी कागजात की सूची जोसा की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।

सूची में नाम आने पर नामांकन लेना अनिवार्य :

जोसा की पहली सूची में नाम रहने पर संबंधित कॉलेज व ब्रांच में नामांकन लेना अनिवार्य है। यदि नामांकन नहीं लेंगे तो आगे के राउंड से बाहर हो जाएंगे। दूसरे राउंड की सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। एनआइटी पटना के डॉ. एमपी सिंह के अनुसार मनमाफिक कॉलेज और ब्रांच पहली सूची में नहीं मिलने पर नामांकन लेकर छात्र-छात्राएं फ्लोट और स्लाइड विकल्प दें। इससे आगे के राउंड में बेहतर कॉलेज व ब्रांच मिलने की संभावना बनी रहेगी। सीट अलॉट होने के बाद नामांकन नहीं लेने पर छात्र-छात्राएं अगले साल जेईई की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। कॉलेज व ब्रांच पसंद है तो करें फ्रीज :

छात्र ने जोसा की वेबसाइट पर जो च्वाइस फिल की है उसके अनुसार मनपसंद कॉलेज और ब्रांच मिल रहा है तो अभ्यर्थी फ्रीज विकल्प से सीट को अपने नाम कर सकते हैं। इस ऑप्शन को चुनने के बाद छात्र का संस्थान और सीट पक्की हो जाएगी। दूसरा कॉलेज चाहिए तो लें फ्लोट विकल्प :

छात्र-छात्राओं ने च्वाइस फिलिंग में 20 संस्थान पसंद किए हैं। यदि वरीयता के अनुसार उन्हें आठवें पायदान का विकल्प मिल गया। इससे पहले की वरीयता वाले कॉलेज के लिए आवंटित संस्थान में नामांकन के बाद फ्लोट विकल्प चुनना होगा। इसके बाद छात्र अगले राउंड की काउंसिलिंग में भी शामिल हो सकेंगे। यदि ऊपर के संस्थान नहीं मिले तो पहले वाले संस्थान में सीट फ्रीज कर सकेंगे।

: बेहतर ब्रांच के लिए करें स्लाइड :

अभ्यर्थी को पहली सूची में मनपसंद ब्रांच नहीं मिली तो स्लाइड विकल्प चुनें। यदि आइआइटी पटना में इलेक्टिकल ब्राच मिल रही है और इसी संस्थान में ही कंप्यूटर साइंस ब्राच चाहते हैं तो इसके लिए स्लाइड विकल्प चुनना होगा। इस विकल्प को चुनते ही आगे की काउंसिलिंग में सीट खाली होने पर पसंदीदा ब्राच मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

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