नरेंद्र मोदी की रैली थी आतंकियों का निशाना, पटना के सीरियल बम धमाकों में गई थी छह लोगों की जान
Gandhi Maidan Serial Blast गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट के दोषियों को आज सुनाई जाएगी सजा 27 अक्टूबर को नौ अभियुक्तों को दोषी करार दिया था साक्ष्य के अभाव में यूपी के एक शख्स को आठ साल जेल में रखने के बाद किया गया था रिहा।
पटना, जागरण टीम। पटना के गांधी मैदान और पटना जंक्शन पर हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में एनआइए के विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत दोषी करार दिए गए नौ आतंकियों को सोमवार को सजा सुनाएगी। इससे पहले अदालत में एनआइए के अधिवक्ता ललन प्रसाद सिन्हा और अभियुक्त के अधिवक्ता अपनी-अपनी दलीलों को अदालत में रखेंगे। दलील सुनने के बाद अदालत दोषियों को सजा सुनाएगी। एनआइए के अधिवक्ता अपनी दलीलों में एनआइए का पक्ष रखते हुए दोषियों को अधिक से अधिक सजा देने की मांग करेंगे। दोषी आतंकियों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पटना की बेउर जेल से कोर्ट ले जाया जाएगा। कोर्ट के बाहर भी अतिरिक्त पदाधिकारियों के साथ ही सशस्त्र जवानों को तैनात किया गया है।
2014 में चार्जशीट, 187 लोगों की हुई गवाही
27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में जेल में बंद दस अभियुक्तों को बीते 27 अक्टूबर को अदालत में प्रस्तुत किया गया था। अदालत ने मामले के इम्तियाज अंसारी, मोजिबुल्लाह अंसारी, फिरोज अहमद, नुमान अंसारी, उमेर सिद्दीकी, अहमद हुसैन, अजहरुद्दीन कुरैशी और हैदर अली को आइपीसी एक्ट की विभिन्न धाराओं, एक्सप्लोसिव एक्ट की विभिन्न धारा, यूए (पी) एक्ट और रेलवे एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया था। सीरियल ब्लास्ट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 189 लोग घायल हुए थे। एनआइए ने इस मामले में 2014 में सभी आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। 187 लोगों की कोर्ट में गवाही कराई गई थी।
28 अक्टूबर को जेल से रिहा हुआ फकरुद्दीन
नौ को दोषी करार देने के बाद अदालत ने मामले के एक अन्य आरोपी फकरूद्दीन को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। अगले दिन 28 अक्टूबर को दोपहर में उसे जेल से रिहा कर दिया गया।
सीरियल ब्लास्ट में इनकी हुई थी मौत
सीरियल ब्लास्ट में पटना निवासी राजनारायण सिंह, कैमूर निवासी गुड्डू कुमार सिंह, नालंदा निवासी राजेश कुमार, बेगूसराय निवासी बिंदेश्वरी चौधरी, गोपालगंज के मुन्ना और सुपौल के भरत रजक की मौत हो गई थी। सीरियल ब्लास्ट में सात धमाके हुए थे।